सावन के महीने मे यहां खिला दुर्लभ पारिजात का फूल

इस ऐतहासिक धरोहर पारिजात वृक्ष में कई वर्षों बाद अपने सुंदर स्वरूप में दिखाई दे रहा है। करीब चार माह के पतझड़ रहने के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत्तियां आईं और अब इस पेड़ में सैकड़ों की संख्या में स्वर्ण आभा वाले सुन्दर पुष्प निकले हैं, जोकि पर्यटकों को मोहित कर रहे हैं। 

सावन के महीने मे यहां खिला दुर्लभ पारिजात का फूल
बाराबंकी. पारिजात का फूल भगवान शिव को प्रिय माना जाता है. कहा जाता है कि सावन के महीने में इस पुष्प को भगवान शिव पर चढ़ाने से वे बहुत प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि यह पुष्प श्री विष्णु के कृष्ण अवतार खुद स्वर्ग से धरती लेकर आए थे. यह पूरे साल में सिर्फ सर्दी के दिनों में ही खिलता है. यह पूरे साल में सिर्फ सर्दी के दिनों में ही खिलता है बाराबंकी जनपद के तहसील रामनगर इलाके के बदोसराय क्षेत्र के बरौलिया गांव में पारिजात का एक पेड़ है . करीब चार माह के पतझड़ रहने के बाद पहले इस वृक्ष में हरी-भरी पत्तियां आईं और अब इस पेड़ में सैकड़ों की संख्या में स्वर्ण आभा वाले सुंदर पुष्प निकले हैं, जोकि पर्यटकों को मोहित कर रहे हैं. इन पुष्पों की खुशबू से पूरा परिसर सुगंधित बना हुआ है. जिसको देखने के लिए हर दिन हजारों की संख्या लोग पहुंच रहे हैं. यहां आने वाले सभी पर्यटक इन सुंदर पुष्पों के साथ फोटो भी ले रहे हैं कैसे धरती पर आया पारिजात का पेड़? पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार भगवान कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मणी के साथ थे, तभी नारद मुनि अपने हाथ में पारिजात का पुष्प लिए आए और उन्हें रुक्मणी को दे दिया. रुक्मणी ने इस फूल को अपने बालों में लगा लिया. पुष्प को देखकर उनकी दूसरी पत्नी सत्यभामा ने पूरे परिजात पेड़ की मांग की. इसके बाद भगवान कृष्ण ने इंद्र से पारिजात का पेड़ देने का अनुरोध किया, लेकिन इंद्र ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया. इसके बाद युद्ध हुआ और इंद्र पराजित हुए. इस तरह युद्ध हारकर इंद्र को पारिजात का पेड़ सत्यभामा को सौंपना पड़ा. इस तरह यह वृक्ष धरती पर आ गया। लेकिन इसके बाद इंद्र ने इस वृक्ष को फल से वंचित रहने का श्राप दे दिया इसलिए इस वृक्ष में पुष्प तो आता है, पर फल नहीं आते हैं. 1 महीने तक खिले रहेंगे फूल वही यहां के लोगों का कहना है कि पारिजात वृक्ष के पुष्प को रखने से मन में शांति एवं धन की प्राप्ति होती है, जिसके लिए लोग इस सुंदर पुष्प को ले जाने के लिए व्याकुल रहते हैं. यहां के पुजारी बाबा मंगलदास ने बताया कि इस बार वृक्ष में इतनी तादाद में पुष्प आए हैं ये पुष्प के करीब एक माह तक इसी तरह खिले रहेंगे जिससे सुंदरता बनी रहेगी. Tags: Barabanki News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 13:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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