कौन हैं विनीत जिंदल भारत में बैठे-बैठे बढ़ा दी ट्रूडो की टेंशन होगा पछतावा

कनाडा के ब्रैम्पटन में एक मंदिर के बाहर हिन्दू श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी अलगाववादियों के हमले को लेकर अब पीएम जस्टिन ट्रूडो की टेंशन बढ़ सकती है. यह मामला अब कनाडा के सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

कौन हैं विनीत जिंदल भारत में बैठे-बैठे बढ़ा दी ट्रूडो की टेंशन होगा पछतावा
कनाडा के ब्रैम्पटन में एक मंदिर के बाहर हिन्दू श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी अलगाववादियों के हमले को लेकर अब पीएम जस्टिन ट्रूडो की टेंशन बढ़ सकती है. यह मामला अब कनाडा के सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. भारतीय वकील विनीत जिंदल ने हिन्दू मंदिर पर हमले के मामले पर कनाडाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रिचर्ड वैगनर के सामने अपील दायर की है. वरिष्ठ वकील विनीत जिंदल ने शनिवार को कनाडा के सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष एक डिजिटल याचिका दायर की है. इसमें 3 नवंबर को ब्रैम्पट के हिंदू सभा मंदिर और भक्तों पर हमले में शामिल पील पुलिस अधिकारियों और एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) जैसे खालिस्तानी समर्थक संगठनों की जांच का अनुरोध किया गया है. इस याचिका में यह सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की गई है कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और कनाडा में हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा की गारंटी दी जाए. अपनी इस याचिका को लेकर विनीत जिंदल ने कहा, ‘कनाडाई न्यायपालिका की क्षमता में पूर्ण विश्वास के साथ, हम आशा करते हैं कि न्याय होगा और हिंदू समुदाय को वह सुरक्षा मिलेगी जिसका वह हकदार है.’ हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कनाडाई सुप्रीम कोर्ट उनकी यह याचिका स्वीकार करती है या नहीं. अगर यह याचिका स्वीकार कर ली गई वहां पहले से मुश्किलों में घिरे जस्टिन ट्रूडो के लिए यह टेंशन बढ़ाने वाली बात होगी. कौन हैं विनीत जिंदल? विनीत जिंदल पेशे से वकील हैं और दिल्ली में वीजे लॉ एसोशिएट्स नाम से एक लॉ फर्म चलाते हैं. यह कंपनी भारत के साथ-साथ विदेश में कानूनी सेवाएं प्रदान करती हैं. जिंदल सोशल मीडिया पर खालिस्तानी चरमपंथियों को लेकर काफी मुखर रहे हैं. जिंदल के मुताबिक, उन्हें खालिस्तानियों के समर्थकों की तरफ से जान से मारने की धमकी दी गई थी. इस मामले में उन्होंने दिल्ली के आदर्श नगर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. वहीं पिछले साल मार्च में अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों के विरोध प्रदर्शन को लेकर भी पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुके हैं. इसके अलावा वह ममता बनर्जी के एक बयान को लेकर भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं. दरअसल ममता बनर्जी ने इसी साल अगस्त में तृणमूल छात्र परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर बंगाल जलेगा तो असम, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे. सीएम ममता बनर्जी के इस बयान को ‘भड़काऊ’ और ‘राष्ट्र-विरोधी’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. क्या है ताजा विवाद? कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी चरमपंथियों के प्रदर्शन ने हिंसात्मक रूप ले लिया, जहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने हिन्दू श्रद्धालुओं पर हमला कर दिया. रविवार को हाथों में खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारी इस हिंदू मंदिर में मौजूद लोगों से भिड़ गए थे और उन्होंने मंदिर अधिकारियों के साथ भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर से मिलकर आयोजित किए गए कार्यक्रम में खलल डाला था. हिंदू कनाडियन फाउंडेशन ने इस घटना का एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने मंदिर में बच्चों, महिलाओं और पुरुषों पर हमला किया. भारत ने मंदिर पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उम्मीद जताई थी कि हिंसा में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भारत ‘बहुत ही चिंतित’ है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस बयान में कहा, ‘हम ओंटारियो के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में चरमपंथियों और अलगाववादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा करते हैं। हम कनाडा सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी पूजा स्थलों को ऐसे हमलों से बचाया जाए.’ Tags: Canada, Justin TrudeauFIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 21:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed