ले जनरल द्विवेदी 30 जून को ही हो जाते रिटायर सरकार ने बना दिया आर्मी चीफ
ले जनरल द्विवेदी 30 जून को ही हो जाते रिटायर सरकार ने बना दिया आर्मी चीफ
New Army Chief Upendra Dwivedi: आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे को पहले 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने पिछले महीने उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था. इससे यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को आर्मी चीफ पोस्ट के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है.
नई दिल्ली. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को भारतीय थल सेना का अगला प्रमुख बनाया गया है. वह इस पोस्ट पर जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘सरकार ने वर्तमान में उप सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 30 जून से अगले सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है.’
जनरल पांडे को पहले 31 मई को रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने पिछले महीने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए उनकी रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था. ऐसे में अब जनरल पांडे 30 जून को रिटायर होंगे और इसके बाद ही लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी आर्मी चीफ का जिम्मा संभालेंगे.
30 जून को रिटायर हो जाते उपेंद्र द्विवेदी
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सेना के सबसे सिनियर अफसर हैं. उनके बाद वरिष्ठता में दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह का नाम आता है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल सिंह, दोनों एक ही बैच के अधिकारी है और दोनों 30 जून को रिटायर होने वाले थे.
ऐसे में जनरल मनोज पांडे को एक महीने का सर्विस एक्टेंशन दिए जाने से ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को आर्मी चीफ पोस्ट के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है. हालांकि सरकार ने इन अटकलों को गलत साबित करते हुए परंपरा अनुसार सबसे सीनियर अधिकारी को सेना की कमान दे दी.
सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायमेंट एज 60 साल है. हालांकि एक जुलाई 1964 को जन्में जनरल द्विवेदी आर्मी चीफ बनने के बाद अब 62 साल की उम्र तक सेवा दे सकते हैं.
चीन और पाकिस्तान सीमा पर काम का लंबा अनुभव
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर 1984 को सेना में शामिल हुए हैं. उन्होंने फरवरी 2024 से उप सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. उन्हें चीन सीमा के साथ-साथ पाकिस्तान की सीमा पर भी संचालन का बड़ा अनुभव है. लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित हो चुके हैं.
इससे पहले उन्होंने फरवरी 2022-2024 तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में काम किया. उन्हें जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था और 39 वर्षों से अधिक के करियर में, उन्होंने कई इलाकों प्रोफाइल में काम किया. उधमपुर स्थित आर्मी पीआरओ की तरफ से जारी बयान के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने संगठन में बहुत बड़ा योगदान देते हुए कई महत्वपूर्ण कमांड, स्टाफ और इंस्ट्रक्शनल नियुक्तियों में काम किया.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी सैनिक स्कूल-रीवा, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज से ग्रैजुएट की डिग्री हासिल की, फिर आर्मी वॉर कॉलेज में हाइयर कमान कोर्स और यूनाइटेड स्टेट आर्मी वॉर कॉलेज में नेशनल डिफेंस कॉलेज के कोर्स में भी भाग लिया.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पाकिस्तान और चीन सीमा पर काम का लंबा अनुभव है. उन्होंने कश्मीर घाटी, भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सेक्टर, इंस्पेक्टरेट जनरल असम राइफल्स (आईजीएआर, पूर्व) में अपनी बटालियन की कमान संभाली. इसके बाद जनरल ऑफिसर ने योल स्थित राइजिंग स्टार कोर की कमान संभाली. उन्होंने बख्तरबंद ब्रिगेड, सैन्य संचालन महानिदेशालय, मिलिट्री सेक्रेरेट्री ब्रांच और डिवीजनल एवं कोर हेडक्वार्टर में स्टाफ ऑफिसर के रूप में कार्य किया है.
Tags: Army Chief, Indian armyFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 07:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed