कानून का दुरुपयोग कर वक्फ बोर्ड ने खूब बनाई संपत्ति पूर्व की सरकारों ने भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन की तैयारी कर रही है. इससे पहले 1991 में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने इस कानून में संशोधन कर एक तरह से वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार दे दिए थे.

कानून का दुरुपयोग कर वक्फ बोर्ड ने खूब बनाई संपत्ति पूर्व की सरकारों ने भी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों को सीमित करने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए सरकार वक्फ अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के बाद भू-माफिया की तरह काम करने, व्यक्तिगत भूमि, सरकारी भूमि, मंदिर की भूमि और गुरुद्वारों सहित विभिन्न प्रकार की संपत्तियों को जब्त करने का आरोप लगाया गया है. व्यक्तिगत संपत्ति से लेकर सरकारी जमीन तक और मंदिरों की जमीन से लेकर गुरुद्वारों तक, वक्फ बोर्ड हाल के समय में जमीन माफिया की तरह व्यवहार कर रहा है और कांग्रेस द्वारा किए गए वक्फ एक्ट के संशोधन के कारण संपत्तियों पर कब्जा कर रहा है. वक्फ बोर्ड कानून का इतिहास 1954 का वक्फ बोर्ड एक्ट: भारत सरकार ने पाकिस्तान गए मुसलमानों की संपत्तियों को वक्फ बोर्डों को सौंपने के लिए 1954 का वक्फ बोर्ड एक्ट लागू किया. इसका उद्देश्य मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए संपत्तियों का प्रबंधन करना था. 1995 का संशोधन: 1991 में बाबरी मस्जिद के ध्वंस के बाद पीवी नरसिंहा राव की कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन किया. इस संशोधन ने वक्फ बोर्डों को असीमित अधिकार दिए, जिससे वे अधिक जमीनें अधिग्रहित कर सके. सूत्रों ने कहा, ”2013 में, इस अधिनियम में और संशोधन करके वक्फ बोर्ड को किसी की संपत्ति छीनने की असीमित शक्तियां दे दी गई, जिसे किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती थी.” वर्तमान स्थिति: वक्फ अब भारत में रक्षा और रेलवे के बाद तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है. 2014 का संपत्ति हस्तांतरण: कांग्रेस सरकार ने मार्च 2014 में लोकसभा चुनावों से ठीक पहले, दिल्ली वक्फ बोर्ड को दिल्ली में 123 प्रमुख संपत्तियां सौंपीं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत के संसाधनों का पहला हक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों का है. उन्होंने 2014 में नेशनल वक्फ डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के लॉन्च के दौरान कहा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए किया जाएगा. सरकारी फंड का वितरण 2022 का आरटीआई खुलासा: 2022 में एक आरटीआई के जवाब में खुलासा हुआ कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आप सरकार ने 2015 से दिल्ली वक्फ बोर्ड को 101 करोड़ रुपये से अधिक का सार्वजनिक फंड दिया. 2021 में अकेले 62.57 करोड़ रुपये वितरित किए गए. अरविंद केजरीवाल का बयान: 2019 में अरविंद केजरीवाल ने मुंबई में सबसे अमीर व्यक्ति के घर का वक्फ संपत्ति पर निर्माण होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार होती, तो वह उस निर्माण को ढहा देते. वक्फ एक्ट का दुरुपयोग तमिलनाडु: हाल ही में वक्फ बोर्ड ने तमिलनाडु के एक पूरे गांव पर दावा किया. इस गांव में एक 1500 साल पुराना हिंदू मंदिर भी था. यह दावा विवादित था क्योंकि वक्फ बोर्ड का दावा एक हिंदू मंदिर पर था, जिसका ऐतिहासिक महत्व भी था. हरियाणा: यमुनानगर जिले के जठलाना गांव में वक्फ बोर्ड ने एक गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा किया. यह ज़मीन किसी भी मुस्लिम बस्ती या मस्जिद से संबंधित नहीं थी, और स्थानीय निवासियों के लिए यह एक बड़ा आश्चर्य था. सूरत: नवंबर 2021 में सूरत नगर निगम के मुख्यालय को वक्फ संपत्ति घोषित किया गया. दावा किया गया कि शाहजहां के शासनकाल में यह संपत्ति वक्फ के लिए दान की गई थी, भले ही यह लगभग 400 साल पुरानी बात थी. ताजमहल: 2018 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया कि ताजमहल अल्लाह का है लेकिन इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने दस्तावेजों की मांग की, लेकिन बोर्ड के पास कोई हस्ताक्षरित दस्तावेज नहीं था. ज्ञानवापी मस्जिद: 2022 में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद की विवादित संपत्ति वक्फ संपत्ति है. मंदिर पक्ष ने इस दावे को कोर्ट में खारिज कर दिया. लखनऊ: लखनऊ में एक शिवालय को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया, जबकि यह संपत्ति 1862 से राज्य रिकॉर्ड में दर्ज है. वक्फ बोर्ड ने इसे विवादित तरीके से अपनी संपत्ति घोषित किया. गुजरात: 2021 में वक्फ बोर्ड ने गुजरात हाईकोर्ट में दावे के साथ आवेदन किया कि वे बेट द्वारका के दो द्वीपों के मालिक हैं. 2022 में गुजरात हाई कोर्ट ने इस दावे को अस्वीकार कर दिया. वक्फ संपत्तियों की संख्या आधिकारिक आंकड़े: वक्फ के पास भारत में 52,000 संपत्तियां थीं. 2009 तक, इनकी संख्या 3,00,000 तक पहुंच गई, जो 4 लाख एकड़ ज़मीन बनाती थी. वर्तमान में वक्फ के पास 8,72,292 पंजीकृत संपत्तियां हैं, जो 8 लाख एकड़ जमीन में फैली हैं. वक्फ संपत्तियों के विवरण 3,56,031 वक्फ एस्टेट्स 8,72,292 अचल संपत्तियां 16,173 चल संपत्तियां वक्फ एक्ट 2013 का दुरुपयोग और इसके परिणामस्वरूप विभिन्न संपत्तियों पर हुए दावों ने भारतीय समाज में विवाद और असहमति को जन्म दिया है. इन दावों की वैधता और वक्फ बोर्ड के कार्यों में पारदर्शिता को लेकर व्यापक चर्चा और समीक्षा की आवश्यकता है. Tags: Delhi Waqf Board, Modi government, Shia waqf board, Waqf BoardFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 11:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed