प्लीज मेरे दोस्त को पुतिन को फिर मोदी का इंतजार डोभाल के जरिए भेजा संदेश

Ajit Doval News: भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने गुकुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. यूक्रेन जंग का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के नए प्रयासों के बीच कीव में डोभाल ने पुतिन को पीएम मोदी का संदेश सुनाया. इस दौरान पुतिन ने अगले महीने कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है.

प्लीज मेरे दोस्त को पुतिन को फिर मोदी का इंतजार डोभाल के जरिए भेजा संदेश
नई दिल्ली: रूस और भारत की दोस्ती से दुनिया वाकिफ है. यूक्रेन जंग में जब शांति की राह तलाशने की बात हुई तब भी रूस ने अपने खास दोस्त भारत को ही याद किया. रूस और भारत की दोस्ती कितनी पक्की है, इसका सबूत गुरुवार को भी मॉस्को में दिखा. खुद पुतिन ने मोदी के दूत अजीत डोभाल को अपने सामने बिठाया. पुतिन ने केवल अजीत डोभाल के जरिए मोदी का संदेश जाना, बल्कि उन्होंने अपने दिल की भी बात कह दी. पुतिन को एक बार फिर से अपने दोस्त मोदी का इंतजार है. उन्होंने अजीत डोभाल के हाथों अपना संदेश पीएम मोदी तक भिजवाया है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगले महीने रूस में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में पर्सनली पीएम मोदी को बुलाया है और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अलग से एक द्विपक्षीय बैठक का प्रस्ताव रखा है. अजीत डोभाल ब्रिक्स के एनएसए समिट के लिए रूस गए हुए हैं. अजीत डोभाल के साथ एक पुतिन ने गुरुवार को एक बंद कमरे में बैठक की. इस दौरान, पुतिन ने अपना प्रस्ताव रखा. उन्होंने अजीत डोभाल को बताया कि वह पीएम मोदी से ब्रिक्स समिट से इतर मिलना और बातचीत करना चाहते हैं. उन्होंने पीएम मोदी को अपना एक बहुत अच्छा दोस्त बताया और अपनी शुभकामनाएं भेजीं. अजीत डोभाल के साथ सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात के दौरान पुतिन ने यह प्रस्ताव रखा. व्लादिमीर पुतिन ने अजीत डोभाल से कहा, ‘ मेरा प्रस्ताव है कि 22 अक्टूबर को पीएम मोदी से एक दूसरी मुलाकात की जाए. डोभाल भाई, प्लीज, पीएम मोदी को हमारा वॉर्म रिगार्ड और शुभकामनाएं देना. वह हमारे बहुत अच्छे दोस्त हैं.’ इस दौरान अजीत डोभाल ने भी पुतिन के लिए पीएम मोदी का संदेश सुनाया. एनएसए डोभाल ने पुतिन को पीएम मोदी की कीव यात्रा के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात और बातचीत की जानकारी दी. अजीत डोभाल ने पुतिन से कहा, ‘जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आपसे टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कहा था कि वह यूक्रेन की अपनी यात्रा और राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के बारे में आपको जानकारी देने के लिए उत्सुक हैं. वह (प्रधानमंत्री मोदी) चाहते थे कि मैं व्यक्तिगत रूप से आकर आपको इस बातचीत के बारे में जानकारी दूं.’ यह मुलाकात सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन के दौरान हुई. पुतिन-डोभाल की बैठक मोदी द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव की यात्रा और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 अक्टूबर को रूस के शहर कजान में आयोजित किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने जुलाई में रूस का दौरा किया था. रूसी मीडिया की मानें तो अजीत डोभाल के साथ बैठक में पुतिन ने कहा, ‘हम अपने अच्छे दोस्त मोदी का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें शुभकामनाएं.’ अजीत डोभाल ने यूक्रेन जंग पर भारत के स्टैंड से भी पुतिन को वाकिफ कराया है. साथ ही शांति समझौतों को लेकर पीएम मोदी के संदेश को पुतिन के सामने रखा है. अजीत डोभाल और पुतिन की यह मुलाकात इसलिए भी खास है, क्योंकि पुतिन जल्दी किसी एनएसए के साथ वन टू वन बातचीत नहीं करते. इससे पहले जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए. भारत इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने के लिए तैयार है. पीएम मोदी ने तब कहा था कि भारत जंग की शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है. वह संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए व्यक्तिगत रूप से भी योगदान देना चाहेंगे. पीएम मोदी की यूक्रेन की लगभग नौ घंटे की यात्रा, 1991 में उस देश की स्वतंत्रता के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. यह मॉस्को में पुतिन के साथ उनकी शिखर वार्ता के छह सप्ताह बाद हुई. पिछले कुछ दिन में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में भारत की संभावित भूमिका को लेकर मांग उठी है क्योंकि नई दिल्ली के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं. बीते दिनों इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने जेलेंस्की के साथ अपनी बातचीत के बाद कहा कि भारत और चीन इस लंबे होते संघर्ष का समाधान खोजने में भूमिका निभा सकते हैं. इससे ठीक पहले व्लादिवोस्तोक में पुतिन ने भारत, ब्राजील और चीन का नाम उन संभावित मध्यस्थों के रूप में लिया था, जो यूक्रेन जंग खत्म कराने में भूमिका निभा सकते हैं. भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन में संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. Tags: Ajit Doval, NSA Ajit Doval, PM Modi, Russia, Russia ukraine war, Vladimir Putin, World newsFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 06:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed