2 रेलकर्मियों के बीच हुआ झगड़ा आसपास के स्टेशनों पर भी आ गई आफत फिर जो हुआ

Varanasi News : वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर दो रेलकर्मियों के बीच हुए झगड़े ने लखनऊ और दिल्ली के बड़े अफसरों की भी नींद उड़ा दी. स्टेशन मास्टर और सिग्नल मेंटेनर के बीच हुए झगड़े के बाद वंदेभारत समेत कई ट्रेनों का ऑपरेशन एक घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा. वाराणसी और उसके आसपास के रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनें जहां की तहां खड़ी रहीं.

2 रेलकर्मियों के बीच हुआ झगड़ा आसपास के स्टेशनों पर भी आ गई आफत फिर जो हुआ
नई दिल्ली. वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन के एक स्टेशन मास्टर और एक सिग्नल मेंटेनर के बीच हाल में हुए झगड़े के कारण वंदेभारत समेत कई ट्रेनों का ऑपरेशन एक घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा. रेलवे की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया. उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के तीन सीनियर अफसरों ने मामले की जांच की थी. जांच में कहा गया कि यह झगड़ा 28 मई को शाम साढ़े सात बजे के आसपास हुआ, जिसके कारण वाराणसी और उसके आसपास के रेलवे स्टेशनों पर रेल गाड़ियों का ऑपरेशन 40 मिनट से लेकर डेढ़ घंटे तक बाधित रहा. गौरतलब है कि वाराणसी रेलवे स्टेशन लखनऊ मंडल के अंतर्गत आता है. रिपोर्ट में कहा गया कि पटना वंदे भारत एक्सप्रेस और बनारस-बक्सर मेमू व्यासनगर रेलवे स्टेशन पर खड़ी रहीं. एर्नाकुलम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, वाराणसी मेमू और पटना काशी जनशताब्दी एक्सप्रेस दीन दयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर खड़ी रहीं. ये सभी ट्रेन वाराणसी रेलवे स्टेशन से होकर गुजरती हैं. जांच के मुताबिक, झगड़ा तब हुआ जब सिग्नल मेंटेनर शहजाद ने ‘सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर’ का ‘रीसेट बॉक्स’ खोलना चाहा. स्टेशन मास्टर सरोज कुमार ने उसे बिना उचित परमिशन और सूचना के ऐसा करने से रोक दिया. इसके बाद दोनों में शुरुआत में बहस हुई जो कि हाथापाई तक पहुंच गई. कुमार ने अपने बयान में आरोप लगाया कि शहजाद ने पत्थर से वार कर दिया जिससे सिर से काफी खून बहने लगा और वह बेहोश हो गए. कुमार ने बयान में कहा, ‘सिर से काफी खून बहने के कारण मुझे चक्कर आ गया और आंखों के सामने अंधेरा छा गया जिससे मैं ऑपरेशन कार्य करने में असमर्थ हो गया. इसके बाद स्थिति के बारे में सीनियर अफसरों को अवगत कराया.’ दूसरी ओर, शहजाद ने अपना बचाव करते हुए आरोप लगाया कि कुमार ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और अपशब्द कहे. शहजाद ने कहा कि वह ‘रीसेट बॉक्स’ को नहीं खोल रहा था, सिर्फ सीरियल नंबर और कंपनी का नाम लिखना चाहता था लेकिन कुमार ने न सिर्फ उन्हें ऐसा करने से रोका बल्कि अभद्र व्यवहार करते हुए स्टेशन मास्टर रूम से तुरंत निकल जाने को कहा. शहजाद ने अपने बयान में कहा, ‘जब मैं स्टेशन मास्टर के कमरे से बाहर आया तो कुमार भी बाहर आ गए और मेरा कॉलर पकड़कर मेरी बाईं आंख पर वार कर दिया. मैंने खुद को बचाने के लिए उसे धक्का दिया जिससे हम दोनों गिर गए. मुझे कमर में चोट लगी जबकि कुमार के सिर में चोट लगी.’ ज्वॉइंट रिपोर्ट तैयार करने वाले तीन अधिकारियों में से दो ने शहजाद को अनुशासनहीनता और मारपीट के लिए जिम्मेदार ठहराया जिससे ट्रेनों का ऑपरेशन बाधित हुआ, जबकि तीसरे अधिकारी ने असहमति जताते हुए कहा कि ‘ऑडियो वॉयस रिकॉर्डिंग’ सुनने के बाद निर्णय लिया जाना चाहिए. लखनऊ मंडल के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक ने जांच के लिए तीन सीनियर अफसरों की अन्य टीम गठित की है, जिसमें सीनियर असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर, असिस्टेंट डिविजनल सिग्नल एवं टेलीकॉम इंजीनियर और असिस्टेंट डिविजनल सिग्नल ऑपरेशन मैंनेजर शामिल हैं. इनसे जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. Tags: Indian Railways, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 24:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed