संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने रखा जितिया व्रत कुंड-तालाबों पर उमड़ा भीड़
संतान की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने रखा जितिया व्रत कुंड-तालाबों पर उमड़ा भीड़
Varanasi Jitiya Vrat: वाराणसी के लक्ष्मीकुंड, शंकुलधारा समेत विभिन्न कुंड और तालाबों पर माताओं ने भगवान जीमूतवाहन की पूजा की और उनकी कथा सुन संतान के सलामती के साथ घर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की.
वाराणसी: धर्म नगरी काशी में जीवित्पुत्रिका पूजा के लिए आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. काशी के प्रमुख कुंड, तालाबों पर माताएं अपने संतान के दीर्घायु की कामाना से भगवान जीमूतवाहन की पूरे विधि विधान से पूजा कर रही हैं. बता दें कि माताएं इस पूजा के दौरान निर्जलीय व्रत रखती हैं. जितिया पूजा के साथ ही काशी में 16 दिनों के महालक्ष्मी व्रत का आज समापन भी हो गया.
वाराणसी के लक्ष्मीकुंड, शंकुलधारा समेत विभिन्न कुंड और तालाबों पर माताओं ने भगवान जीमूतवाहन की पूजा की और उनकी कथा सुन संतान के सलामती के साथ घर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची थी.
इन राज्यों में मनाया जाता है जितिया पूजा
उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में इस व्रत और पूजा को महिलाएं बेहद धूमधाम से मनाती हैं. इस व्रत की शुरुआत भी एक दिन पहले नहाए खाए से होती है. उसके बाद अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माताएं इस कठिन व्रत को रखती हैं.
16 दिनों के बाद लक्ष्मी व्रत का होता है समापन
पंडित संजय पांडेय ने बताया कि वाराणसी के लक्ष्मी कुंड पर 16 दिनों से चल रहे सोरहिया मेला का समापन भी जीवित्पुत्रिका व्रत से होता है. इसमें 16 दिनों तक मां लक्ष्मी की आराधना और पूजा होती है, जिससे पारिवारिक दरिद्रता, आर्थिक उलझने और संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं इस पूजा और व्रत को करती है.
मां लक्ष्मी के मंदिर में लगाती हैं हाजिरी
इस व्रत में मां लक्ष्मी को 16 अलग-अलग प्रकार के फल, फूल और अन्य सामग्री अर्पित किया जाता है. इस दिन लक्ष्मीकुंड पर हजारों की संख्या में महिलाएं माता लक्ष्मी के मंदिर में हाजिरी भी लगाती हैं और उसके बाद कुंड के किनारे बैठ कर कथा सुन पूजा संपन्न करती हैं.
Tags: Local18, Religion, Religion 18, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 14:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed