UP में एग्जाम चीटर्स की खैर नहीं ताजिंदगी जेल कैसे केंद्रीय कानून से अलग

यूपी ने एग्जाम में चीटिंग करने वालों के खिलाफ ऐसा कानून बनाया है, जिसे देश में सबसे कड़ा बताया जा रहा है. जो जेल में जिंदगीभर के लिए बंद कर सकता है. ये केंद्रीय नकल कानून से भी कुछ मामलों में कड़ा है.

UP में एग्जाम चीटर्स की खैर नहीं ताजिंदगी जेल कैसे केंद्रीय कानून से अलग
हाइलाइट्स यूपी के नकल अध्यादेश को देश का सबसे कड़ा कानून बताया जा रहा है क्योंकि इसमें गंभीर गड़बड़ी करने वालों को आजीवन कारावास तक संभव यूपी का कानून अगर राज्य की परीक्षाओं को कवर करता है तो केंद्रीय कानून दायरा देशभर का देश में जब नीट और नेट एग्जाम में चीटिंग, गड़बड़ी और पेपर लीक के कारण छात्र बेहाल हैं, माहौल गर्म है. उसी दौरान एग्जाम में नकल करने और कराने वालों की रोकथाम के लिए दो कड़े कानून आए हैं. एक कानून केंद्र ने 21 जून को नोटिफाई किया और दूसरा इसके पांच दिन बाद यूपी में अध्यादेश के रूप में बनाया गया. यूपी का कानून तो इतना कड़ा है कि ये जिंदगीभर जेल में सड़ा देगा. आखिर केंद्र और यूपी के कानूनों में क्या अंतर है और ये किन एग्जाम्स पर लागू होंगे. यूपी कैबिनेट ने प्रतियोगी व अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 को मंजूरी दे दी. ये कानून तुरतफुरत बनाकर अध्यादेश के तौर पर लागू किया गया. यूपी को भी उन राज्यों में गिना जाता है, जहां पिछले कुछ सालों में पेपर लीक और नकल के कई मामले हुए. यूपी का कानून किन परीक्षाओं पर लागू होगा – लोकसेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, यूपी बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय. नामित संस्थाओं के एग्जाम के साथ प्रदेश की संस्थाओं के सभी एग्जाम, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाणपत्रों या शैक्षणिक प्रमाणपत्र. एग्जाम में चीटिंग के दायरे में और क्या आएगा – विभिन्न परीक्षाओं के पेपर लीक, संगठित तरीके से पेपर नकल कराना, पेपर साल्वर गैंग, फर्जी प्रश्नपत्र बांटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना अब दंडनीय अपराध – परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था व सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए काली सूची डाला जाएगा क्या दंड का प्रावधान – यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो विलीय नुकसान को सॉल्वर गैंग से वसूला जाएगा – परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था व सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए काली सूची डाला जाएगा. साथ ही उनकी संपत्ति कुर्क होगी. – पेपर लीक कराने पर 10 साल से आजीवन कैद की सजा और एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना. कुछ मामलों में दो साल तक की जेल की सजा. केंद्रीय एग्जाम चीटिंग कानून क्या है केंद्र के कानून का नाम सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 (The Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024) है, इसे 21 जून से नोटिफाई किया गया है. इसमें एग्जाम चीटर्स के लिए पेपर लीक से संगठित तौर पर नकल और पेपर साल्व करने को लेकर कड़े प्रावधान किए गये हैं. इसमें केंद्रीय बोर्ड की परीक्षाओं से लेकर सभी केंद्रीय भर्ती एग्जाम शामिल हैं. इसमें सभी उन चीजों को शामिल किया गया है, जो एग्जाम और पेपर्स को प्रभावित करते हैं. केंद्रीय कानून किन परीक्षाओं को दायरे में रखेगा ये कानून केंद्र सरकार की प्रमुख परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, एसएससी, रेलवे भर्ती, बैंकिंग परीक्षा और जेईई, एनईईटी, सीयूईटी जैसी सभी एनटीए कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं को कवर करता है. इसके दायरे में क्या आएगा इस कानून में किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या संस्थाओं द्वारा किए गए अपराधों के रूप में “प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी को लीक करना”, “सार्वजनिक परीक्षा में किसी भी तरह से अनाधिकृत रूप से अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करना” और “कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर संसाधन या कंप्यूटर प्रणाली के साथ छेड़छाड़ करना” आयेगा. इसके लिए दंड का प्रावधान होगा. इनके अलावा, “धोखाधड़ी या आर्थिक लाभ के लिए फर्जी वेबसाइट बनाना”, “फर्जी परीक्षा आयोजित करना, धोखाधड़ी या आर्थिक लाभ के लिए फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना” और “परीक्षाओं में अनुचित साधन अपनाने की सुविधा के लिए उम्मीदवारों के बैठने की व्यवस्था, तिथियों और शिफ्टों के आवंटन में हेरफेर” भी कानून के तहत दंडनीय अपराधों में शामिल हैं। क्या होगा दंड कानून के अनुसार, “इस कानून के तहत अनुचित साधनों और अपराधों का सहारा लेने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को तीन साल से कम नहीं बल्कि पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.हालांकि ये जुर्माना बढ़कर 1 करोड़ रुपए तक भी हो सकता है.” पिछले नियमों के मुताबिक परीक्षा में नकल कराने वाले व्यक्ति को तीन साल का कारावास और 2000 तक के जुर्माने की सजा का प्रावधान था. छात्रों और उम्मीदवारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हालांकि केंद्र और यूपी दोनों ही कानून मामूली नकल और चीटिंग के लिए छात्रों और उम्मीदवारों पर सीधे दंड नहीं लगाता है, उनकी सज़ा को परीक्षा अधिकारियों के विवेक पर छोड़ देता है. हालाकि इस लचीलेपन का विरोध भी हुआ है. आलोचकों का तर्क है कि इससे कानून का असर कम हो सकता है. Tags: Board exams, Neet exam, Paper Leak, Ugc, UP Board Paper LeakFIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 11:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed