गन्ने की जड़ों पर डालें 150 ml ये दवा और हो जाएं टेंशन फ्री
गन्ने की जड़ों पर डालें 150 ml ये दवा और हो जाएं टेंशन फ्री
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने फरवरी और मार्च में गन्ने की बुवाई की है. उनके लिए यह समय बेहद ही महत्वपूर्ण है. क्योंकि अब गन्ने का जमाव होने के बाद तेजी के साथ कल्ले निकल रहे हैं.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : कहते हैं कि गन्ने की खेती मेहनतकश किसानों के लिए ही होती है. साल में एक बार उपज देने वाली गन्ने की खेती से किसानों को साल में एक बार बंपर उत्पादन मिलता है. गन्ने की फसल में अप्रैल, मई और जून के महीने में निराई-गुड़ाई करनी होती है. इसके अलावा इन दिनों में कीटों का प्रकोप भी ज्यादा रहता है. जिनका समय पर नियंत्रण करना जरूरी होता है. गन्ना किसानों के लिए मई, जून और जुलाई का महीना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है. इन तीन महीनों में किसान अगर बेहतर देखभाल कर लें. तो गन्ने की फसल से बंपर उत्पादन मिलेगा और उनकी फसल रोग रहित भी होगी.
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने फरवरी और मार्च में गन्ने की बुवाई की है. उनके लिए यह समय बेहद ही महत्वपूर्ण है. क्योंकि अब गन्ने का जमाव होने के बाद तेजी के साथ कल्ले निकल रहे हैं. मौजूदा तापमान कल्ले निकलने के लिए बेहद ही मुफीद माना जाता है. ऐसे में जरूरी है कि गन्ने की जड़ों में पर्याप्त नमी बनी रहे. इसके अलावा गन्ने की फसल में कीटों के प्रकोप की रोकथाम के लिए भी दवाओं का छिड़काव करना होता है.
कीट नियंत्रण भी है बेहद जरूरी
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि गन्ने में सिंचाई और गुड़ाई के अलावा कीट प्रबंधन करना भी बेहद जरूरी है. बढ़ रहे तापमान के बीच भेदक कीट गन्ने की फसल पर आक्रमण करते हैं. ऐसे में किसान अपनी फसल को कीटों से बचाने के लिए 150ml कोराजन को 400 लीटर पानी में घोल बनाकर पौधे की जड़ों के पास ड्रेंचिंग करवा दें. ड्रेंचिंग करने के 24 घंटे के बाद खेत में पानी छोड़कर सिंचाई कर दें. इसके अलावा अगर रस चूसक कीट फसल को प्रभावित कर रहे हैं तो प्रोफेनोफॉस 40% और साइपरमेथ्रिन 4% ईसी 750 ml दवा लेकर 625 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टेयर गन्ने की फसल में छिड़काव कर दें. जिससे पत्तियों का रस चूसने वाले कीटों का खात्मा हो जाएगा.
निराई, गुड़ाई और सिंचाई है बेहद जरूरी
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि किसान अगर अप्रैल, मई और जून के तीन महीनों में गन्ने की फसल की देखभाल अच्छे से कर लें. यानी कि सिंचाई और गुड़ाई पर ध्यान दें तो किसानों को बंपर उत्पादन मिलेगा. किसान खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखें और समय-समय पर सिंचाई और गुड़ाई करते रहें.
तीन महीने करें ऐसे देखभाल
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि किसान 15 से 20 दिन में अपने खेत में सिंचाई करने के बाद तीन से चार दिन बाद प्राप्त नमी रहते गन्ने की गुड़ाई कर दें. गुड़ाई करने से खरपतवार नष्ट होंगे. इसके अलावा मिट्टी में वायु संचार बेहतर होगा. जिसके वजह से गन्ने के कल्ले तेजी के साथ निकलेंगे. जरूरी है कि 3 महीनों में किसान गन्ने की फसल में 6 बार पानी दें और 6 बार गुड़ाई भी कर दें.
पेड़ी भी देगी बंपर उत्पादन
डॉ. संजीव पाठक ने बताया कि जिन किसानों ने गन्ने की हार्वेस्टिंग की है. उसके बाद वह पेड़ी की फसल ले रहे हैं तो ऐसे में उनके लिए भी जरूरी है कि वह पेड़ी की फसल में भी सिंचाई के बाद गुड़ाई करें. जिससे वह पौधे के की फसल के बराबर पेड़ी से भी उत्पादन ले पाएंगे. किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा. क्योंकि पेड़ी की फसल में किसानों को बेहद ही कम खर्च करना होता है.
Tags: India agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 15:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed