Rabindra Sangeet: गुरुदेव के संगीत में जागती मनुष्यता
Rabindra Sangeet: गुरुदेव के संगीत में जागती मनुष्यता
एकल चलो रे/
आमार शोनार बांग्ला/
तुमी के मोन गान कौरो हे गुनी/
आमार पौरानो जाहा चाय.
जाने कितनी ही दफा बांग्ला की शीरी जुबां में ढले इन गीतों की सुरमई छुअन ने रूह को महकाया. लेकिन इन गीतों को रचने और उन्हें मीठी धुनों में पिरोने वाले गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर के ...