MP में कमजोर तो UP में सबसे ज्‍यादा बौने बच्‍चे… रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

बौनापन से तात्पर्य उन बच्चों से है जो अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटे होते हैं. ऐसा आमतौर पर दीर्घकालिक कुपोषण के कारण होता है. इसी तरह कमजोर बच्चों का तात्पर्य उन बच्चों से है, जो अपनी लंबाई के हिसाब से बहुत पतले हैं.

MP में कमजोर तो UP में सबसे ज्‍यादा बौने बच्‍चे… रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
हाइलाइट्स कमजोर, बौने बच्‍चों के बारे में जानकारी संसद में दी गई. देश में पांच साल तक के 37 प्रतिशत बच्‍चे बौने पाए गए. 17 प्रतिशत पांच साल तक के बच्‍चे कम वजन वाले पाए गए. नई दिल्‍ली. क्‍या आपको पता है कि भारत में भारत में जन्‍म लेने वाले 0 से पांच साल तक के बच्‍चों में से 36 प्रतिशत बौने हैं. उनकी ऊंचाई तय मानकों से कम पाई गई. ऐसा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि स्‍वयं महिला एंव बाल कल्‍याण मंत्रालय ने ये दावा किया है. बताया गया कि इस आयुवर्ग के करीब 17 प्रतिशत बच्चे कम वजन वाले पाए गए जबकि छह प्रतिशत कमजोर की श्रेणी पाए गए. यह तीनों लक्षण कुपोषण का शिकार बच्‍चों में पाए जाते हैं. बौनापन से तात्पर्य उन बच्चों से है जो अपनी उम्र के हिसाब से बहुत छोटे होते हैं. ऐसा आमतौर पर दीर्घकालिक कुपोषण के कारण होता है. इसी तरह कमजोर बच्चों का तात्पर्य उन बच्चों से है, जो अपनी लंबाई के हिसाब से बहुत पतले हैं, जो गंभीर रूप से कम वजन के कारण तीव्र कुपोषण का संकेत देते हैं. ऐसे बच्चों का वजन उनकी उम्र के हिसाब से कम होता है. यह भी पढ़ें:- ममता बनर्जी ने द‍िल्‍ली दौरा कर द‍िया था कैंसल, पर क‍िसके कहने पर नीत‍ि आयोग की बैठक में शाम‍िल होंगी CM UP में बौने बच्‍चों की संख्‍या देश में सर्वाधिक… महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि जून 2024 के ‘पोषण ट्रैकर’ के आंकड़ों के अनुसार, छह वर्ष से कम उम्र के लगभग 8.57 करोड़ बच्चों की लंबाई मापी गयी, जिनमें से 35 प्रतिशत बौने पाए गए वहीं 17 प्रतिशत कम वजन वाले और पांच वर्ष से कम उम्र के छह प्रतिशत बच्चे कम ताकत वाले पाए गए. उन्होंने राज्यवार आंकड़े भी साझा किये, जिसके अनुसार बौनेपन की सर्वाधिक 46.36 प्रतिशत दर उत्तर प्रदेश में है, जिसके बाद लक्षद्वीप में यह दर 46.31 प्रतिशत है. मध्‍य प्रदेश में कम वजन वाले बच्‍चे ज्‍यादा… आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बौनेपन की दरें क्रमशः 44.59 प्रतिशत और 41.61 प्रतिशत दर्ज की गई हैं. बिहार और गुजरात में बच्चों में शक्तिक्षीणता की दर क्रमशः 9.81 प्रतिशत और 9.16 प्रतिशत है. कम वजन वाले बच्चों के मामले में, मध्य प्रदेश 26.21 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है, इसके बाद दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव 26.41 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं. Tags: Madhya pradesh, Parliament session, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 21:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed