गोलियों की बौछार के बीच महफूज रहेंगे भारतीय सैनिक लेबनान भेजे गए देसी फौलाद
गोलियों की बौछार के बीच महफूज रहेंगे भारतीय सैनिक लेबनान भेजे गए देसी फौलाद
Indian army in Lebanon : इजराइल लेबनान की सीमा पर भारतीय सेना अब और सुरक्षित होकर अपने काम कोअंजाम दे सकेगी. स्वदेशी बखतरबंद गाड़ियों में सैनिक सरपट दौड़ेगे. सीजफायर हिजबुल्लाह और इजराइली बीच जरूर हुआ लेकिन छुटपुट घटनाए जारी है. सीमा पर गश्त यूएन फोर्स की अब भी जारी है. भारतीय सेना लगातार ऑपरेशन में है.
Indian army in Lebanon : इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच सीजफायर हो गया है. इजराइली सेना अब भी लेबनान में डटी हुई है. हिजबुल्लाह के ठिकानों पर अब भी एयर स्ट्राइक कर रही है. भारतीय सेना पूरे जंग के दौरान ग्राउंड जीरो पर तैनात रही. माना जा रहा था कि उनकी घर वापसी होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ब्लू लाइन पर भारतीय सेना के जवानों सहित दुनिया के 50 देशों की सेना के 10 हजार से ज्यादा सैनिक तैनात है. दक्षिणी लेबनान के मरजायूं इलाके के पास का इलाके में भारतीय सेना की तैनाती है. अच्छी बात तो यह रही कि पूरी जंग के दौरान सभी भारतीय सैनिक सुरक्षित रहे. किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. भारत ने अपने सैनिकों की सुरक्षा के लिए भारत से खास आर्मर्ड फाइटिंग वेहिक्ल लेबनान भेज दिए हैं. अब भारतीय सेना ब्लू लाइन के इलाकों में गश्त अपनी स्वदेशी बखतरबंद गाड़ियों से करेगें.
सेना ने भेजे आर्मर्ड वेहिकल
वॉर जोन में डटे रहे भारतीय सेना की सुरक्षा के लिए पहले से ही तैयारी की गई थी. उसी के तहत भारतीय सेना के लिए खास 45 आर्मर्ड फाइटिंग वेहिक्ल लेबनान भेजे गए हैं. पहली बार UNIFIL में सेना ने अपनी बखतरबंद गाड़ियां भेजी है. बाकी जितने भी यूएन मिशन पर भारतीय सैनिकों की तैनाती है वहां पहले से ही स्वदेशी बखतरबंद गाड़ियां मौजूद है. एक दो हफ्तें में भारतीय सेना के पास यह खास गाड़ियां होंगी. यह पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है, माईन प्रूफ है और किसी भी एरियल खतरे से निपट सकती है. संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग मिशन दो तरह के होते है. पहला है ड्राय लीज और वेट लीज. ड्राय लीज के तहत सिर्फ सैनिकों को भेजा जाता है, बाकी सभी तरह की लॉजेस्टिक यूएन मुहैया करता है. वेट लीज में देश अपने सैनिकों के साथ खुद के लॉजेस्टिक भेजती है. लेबनाना में UNIFIL के तहत अभी तक भारतीय सेना ड्राय लीज पर हुआ करती थी. इस महीने से वह वेट लीज के तहत ऑपरेट करेगी. फिलहाल ब्लू लाईन पर गश्त और अन्य काम को स्वीडन की तरफ से भाड़े पर लिए गए ऑर्मर्ड पर्सनल कैरियर विहिकल का इस्तेमाल किया जाता है.
भारतीय सेना डटी रही वॉर जोन में
लेबनान इजराइल सीमा पर बने ब्लू लाइन की कुल लंबाई 120 किलोमीटर है. यह एक ऐसा बफर जोन है जहां सिर्फ यूएन फोर्स तैनात है. इनका काम यूनाइटेड नेशन के मैंडेट के तहत काम करना है. जंग को रोकना या उसमें शामिल होना उनके चार्टर में नहीं है. सिर्फ शांति बनाए रखना उनका काम है. भारतीय सेना के 900 के करीब सैनिक तैनात हैं. भारतीय सेना यूएन मेंटेड के तहत वहां पर तैनात है. UNIFIL के तहत शांति सेना की तैनाती की बात करें तो ब्लू लाइन को दो सैक्टर में बांटा गया है. इस्ट सेक्टर और वेस्ट सेक्टर. दोनों सेक्टर मे ब्रिगेड लेवल स्ट्रेंथ तैनात है यानी की दोनों सेक्टर में 3 से 4 बटालियन है. दक्षिणी लेबनान के वेस्ट सेक्टर के नाकूरा में UNIFIL का मुख्यालय है. यहां यूरोपियन यूनियन के देशों की सैन्य बटालियनों की तैनाती है. इस्ट सेक्टर में एशियाई देशों की बटालियन तैनात है. भारतीय सेना की बटालियन गोलान हाइट की तरफ इस्ट सेक्टर में तैनात है.
Tags: Defence Minister, Indian army, Israel News, Ministry of defence, United NationFIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 20:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed