Explainer: 10 डाउनिंग स्ट्रीट की सियासी भूल-भुलैया में खो गई भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील जानें सबकुछ
Explainer: 10 डाउनिंग स्ट्रीट की सियासी भूल-भुलैया में खो गई भारत-ब्रिटेन ट्रेड डील जानें सबकुछ
India-UK Trade Deal: भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को सुगम बनाने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) होना था. इसकी अंतिम तारीख 24 अक्टूबर यानी दिवाली का दिन था. लेकिन, चूंकि ब्रिटेन में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं और प्रधानमंत्री लिज ट्रस का इस्तीफा हो गया है. ऐसे में इस डील पर खतरा मंडराता दिख रहा है. अगर ये व्यापारिक करार हो जाता तो भारत को जबरदस्त व्यापारिक लाभ होता. इसके अलावा भारत के छात्रों और व्यापारियों को ब्रिटेन का वीजा ज्याादा मात्रा में मिलता. फिलहाल, दोनों देश इस डील को लेकर विचार कर रहे हैं.
हाइलाइट्सब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे का भारत के व्यापार पर असरराजनीतिक उठा-पटक के बीच खो गई भारत-यूके ट्रेड डीलइस व्यापारिक करार से दोनों देशों को होना था जबरदस्त फायदा
नई दिल्ली. ब्रिटेन की राजनीति में बवाल मचा हुआ है. इस्तीफा देने के बाद लिज ट्रस सबसे छोटा कार्यकाल संभालने वाली प्रधानमंत्री बन गई हैं. उन्होंने वित्त नीति में यू-टर्न लिया, जिसकी वजह से वैश्विक बाजार में हाहाकार मचा और मंत्रियों को इस्तीफे देने पड़े. इसे वजह से कंजरवेटिव पार्टी के अंदर ही ट्रस को पद से हटाने की मांग उठने लगी.
कंजरवेटिव पार्टी के पास फिलहाल इतना बहुमत है कि उसे दो साल तक आम चुनाव कराने की जरूरत नहीं. उनका नया नेता अक्टूबर 28 को चुना जाएगा. वह छह सालों में ब्रिटेन का पांचवा प्रधानमंत्री होगा. ब्रिटेन की राजनीति के इन हालातों में माना जा रहा है कि भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को पेनी मोरडॉन्ट की जगह चुना जाएगा. हालांकि, चर्चा यह भी है कि जुलाई में ही पद से हटाए गए बोरिस जॉनसन की वापसी भी हो सकती है.
भारत में उठ रहे सवाल
इस घटनाक्रम से केवल यह नहीं पता चलता कि 10 डाउनिंग स्ट्रीट और ब्रिटेन की राजनीति ब्रेग्जिट के बाद से कितनी बदल गई है, बल्कि, इसका सीधा असर भारत पर हो रहा है. भारत में सवाल उठने लगे हैं कि दोनों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का क्या होगा. एफटीए को लेकर भारत और ब्रिटेन ने इस साल के जनवरी महीने में औपचारिक बातचीत की थी. इसमें द्वि-पक्षीय व्यापार और साल 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के निवेश पर चर्चा हुई थी. इस करार से दोनों देश कस्टम ड्यूटी को या तो खत्म कर देते या इतना कम कर देते कि व्यापार सुगम हो जाए. इसमें निवेश और अन्य चीजों को लेकर भी नियम शिथिल किए जाने थे.
भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापार का आंकड़ा
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाला द्वि-पक्षीय व्यापार साल 2021-22 में 16 बिलियन डॉलर का है., जबकि साल 2020-21 में यह 13..11 बिलियन डॉलर था. इस तरह इसमें 22.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. साल 2021-22 में दोनों देशों के बीच 9.43 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट हुआ, जबकि 6.59 बिलियन डॉलर का इंपोर्ट रहा. इस तरह साल 2021-22 में 2.84 बिलियन डॉलर का व्यापार होने से बाजार संतुलित रहा. साल 2019-20 में दोनों देशों के बीच 15.45 बिलियन डॉलर, 2018-19 में 16.87 बिलियन डॉलर और साल 2017-18 में 14.49 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ.
डील से जुड़ी कुछ खास बातें साल 2021 में भारत ब्रिटेन का 15वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना साल 2021 में ब्रिटेन भारत का 18वां सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना भारत ब्रिटेन को रेडीमेड गारमेंट, जेवर और मसालों सहित कई सामान देता है दोनों देश इस दिवाली यानी 24 अक्टूबर को एफटीए पर हस्ताक्षर करने वाले थे भारत और ब्रिटेन में डील पर अब भी चल रहा विचार भारत चाहता है ब्रिटिश व्हिस्की पर इंपोर्ट ड्यूटी का कुछ किया जाए भारतीय छात्रों ओर व्यापारियों को ब्रिटेन ज्यादा वीसा दे ब्रिटेन की होम सेक्रेटरी सुएला ब्रेवरमेन के बयान से डील को खतरा होम सेक्रेटरी ने वीजा की अवधि के बाद रह रहे भारतीयों पर की थी एक्शन लेने की बात इस बयान पर भारत ने नाराजगी और अफसोस जताया था
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Tags: Britain, World newsFIRST PUBLISHED : October 21, 2022, 17:59 IST