जलजला आया और वायनाड की हजारों गुमनाम कहानियां बयां कर रहीं ये पथराई आंखें
जलजला आया और वायनाड की हजारों गुमनाम कहानियां बयां कर रहीं ये पथराई आंखें
वायनाड जिसे केरल की जन्नत कहा जाता था. वो शहर जो अपनी खूबसूरती की कहानी बयां करता था आज वो वीरान हो चुका है. वो पहाड़ जिसमें खूबसूरत पेड़ लोगों को मन मोह लेते थे आज वहां सिर्फ लाशों का ढेर है. एक सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया.
ज़लज़ला आया और आकर हो गया रुख़्सत मगर
वक़्त के रुख़ पर तबाही की इबारत लिख गया…
फ़राज़ हामिदी के ये अल्फाज़ वायनाड के दर्द, आंसू, सिसकन, पथराई आंखें, बिखरे शव, अपनों का इंतज़ार हज़ारों गुमनाम कहानियों को बयां कर रहे हैं.
वायनाड जिसे केरल की जन्नत कहा जाता था. वो शहर जो अपनी खूबसूरती की कहानी बयां करता था आज वो वीरान हो चुका है. वो पहाड़ जिसमें खूबसूरत पेड़ लोगों को मन मोह लेते थे आज वहां सिर्फ लाशों का ढेर है. एक सैलाब ने सब कुछ तबाह कर दिया. तबाही इस कदर की आंसू बहाने वाला भी नहीं बचा. ऐसी स्थिति में देवदूत बनकर पहुंचे रेस्क्यू टीमें भी कई बार रो उठी. उनका कलेजा कांप गया.
ऐसी भीषण तबाही उन्होंने कभी सोची भी नहीं थी. लेकिन ऐसी परिस्थिति में भी उनके जेहन में सिर्फ एक बात थी वो ये कि हर जिंदगी बचानी है. ऐसी ही एक दर्दनाक कहानी बयां करती तस्वीर हमारे सामने है. वो तस्वीर जिसे देखकर आप भी कहेंगे कि कुदरत ने ऐसा क्यों किया. लेकिन कुदरत का तो निजाम ही ऐसा है.
जब सैलाब के साथ सब कुछ बहता जा रहा था. जब बड़े-बड़े पुल ताश के पत्तों की तरह ढहते जा रहे थे, जब नदी का विकराल रूप मानों सबकुछ तबाह करने को निकला था. उस वक्त एक परिवार जिंदगी बचाते हुए एक गुफा में दाखिल हो गया. गुफा के अंदर न पीने का पानी न खाना बस सांस चल रही थी. शायद कुछ दिनों में वो भी टूट जाती. मगर सर्च ऑपरेशन के दौरान फॉरेस्ट टीम ने उस गुफा से रेस्क्यू किया. तीन बच्चों को जिंदा निकाला गया. वो बच्चे जो भूख से तड़प रहे थे. वो बच्चे जो जिंदगी की आस छोड़ बैठे थे.
आज वायनाड को बचाने के लिए दो हजार से ज्यादा वीर योद्धा विपरीत परिस्थितियों के बीच लोगों को बचाने के लिए खुद की जान झोंक रहे हैं. इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फॉरेस्ट टीम सहित हजारों लोग कुदरत के कहर से वायनाड को बचाने के लिए डटे हुए हैं. उम्मीद कभी नहीं छोड़ी जाती, इसी उम्मीद का सहारा लेकर रेस्क्यू टीमें लोगों को खोज रही हैं. भले की घटना हुए एक सप्ताह बीत रहा हो मगर एक भी इंसान अगर इस कहर से बचा है तो उसको बचाना है.
Tags: Kerala NewsFIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 11:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed