कुर्सी पर बैठकर आप भी करते हैं घंटों काम तो हो जाएं सावधान

अगर आप भी घंटे तक कुर्सी पर बैठकर काम कर रहे हैं. तो ऐसे सभी लोग सावधान हो जाएं. क्योंकि लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डिपार्मेंट के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर ज्ञानेश्वर टॉक बताते हैं कि लगातार कई घंटे तक कुर्सी पर बैठने से रीड की हड्डी में परेशानी हो सकती है.

कुर्सी पर बैठकर आप भी करते हैं घंटों काम तो हो जाएं सावधान
विशाल भटनागर/ मेरठ : आजकल ज्यादातर लोग ऑफिस या घर पर काम करते हुए घंटों तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं. ऐसे में कई बार कमर दर्द, गर्दन में अकड़न,  या मांसपेशियों में स्पाज्म (मरोड़) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यह लंबे समय तक गलत तरीके से बैठने के कारण होता है. लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपेडिक डिपार्मेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर टॉक ने लोकल-18 से बात करते हुए बताया की यह बीमारी तेजी से वर्किंग प्रोफेशनल की ओर बढ़ रही है. ऐसे में अगर सही वैज्ञानिक नियमों का पालन किया जाए तो इन समस्याओं से बचा जा सकता है. क्या होता है स्पाज्म? डॉ. ज्ञानेश्वर टॉक के अनुसार स्पाज्म एक प्रकार की मांसपेशियों की ऐंठन या अकड़न होती है, जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने, गलत पोजीशन में बैठने या मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव के कारण होती है. यह समस्या सबसे अधिक उन लोगों में देखी जाती है, जो दिनभर कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं. वह कहते हैं इसलिए लगातार कुर्सी पर ना बैठे, इस दौरान एक-दो घंटे का आराम जरूर लें. -क्या है सही बैठने का वैज्ञानिक तरीका एक्सपर्ट्स के मुताबिक बैठते समय आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए. कुर्सी ऐसी होनी चाहिए जो आपकी पीठ को पूरी तरह सपोर्ट करे और बैठने पर आपकी कमर कुर्सी से लगी रहे. इससे रीढ़ पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता और आप स्पाज्म से बच सकते हैं. गर्दन और सिर को सीधा रखना बेहद जरूरी है. अगर आपका सिर लगातार आगे की ओर झुका रहेगा, तो इससे गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे स्पाज्म की समस्या हो सकती है. कंप्यूटर स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें ताकि आपको सिर झुकाना न पड़े. घुटनों और पैरों की सही स्थिति बैठते समय आपके घुटने 90 डिग्री के कोण पर मुड़े होने चाहिए और आपके पैरों को जमीन पर आराम से टिका होना चाहिए. अगर पैरों को सही सपोर्ट नहीं मिलता, तो कमर और टांगों में दर्द और अकड़न हो सकती है. हर 30-40 मिनट के बाद खड़े होकर थोड़ा चलना या मांसपेशियों को स्ट्रेच करना जरूरी है. इससे आपके शरीर को थोड़ा आराम मिलता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है. स्पाज्म से बचाव के लिए अन्य सुझाव पानी की कमी से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और स्पाज्म का खतरा बढ़ जाता है. दिनभर पर्याप्त पानी पीना जरूरी है. नियमित रूप से हल्के व्यायाम जैसे स्ट्रेचिंग, योग या वॉकिंग करें, ताकि शरीर की मांसपेशियां मजबूत और लचीली बनी रहें. कैल्शियम, मैग्नीशियम, और पोटेशियम जैसे मिनरल्स की कमी से भी मांसपेशियों में स्पाज्म हो सकता है, इसलिए संतुलित आहार लें. बताते चलें कि आप इस तरह के मरीज में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है. Tags: Health tips, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 15, 2024, 10:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed