इस डॉक्टर ने हाईटेक किया डायबिटीज का इलाज इस तकनीक से 100% तक कंट्रोल की शुगर
इस डॉक्टर ने हाईटेक किया डायबिटीज का इलाज इस तकनीक से 100% तक कंट्रोल की शुगर
डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि लखनऊ शहर के डॉक्टर अनुज माहेश्वरी ने डायबिटीज का इलाज हाईटेक किया. उन्होंने एक सेंसर डायबिटीज मरीजों के कंधे पर लगाना शुरू किया, जो 14 दिन तक उनके कंधे पर लगा रहेगा
लखनऊ/अंजलि सिंह राजपूत. हमारे देश में वर्तमान में 11 करोड़ की आबादी डायबिटीज का शिकार है. पहले शहर में डायबिटीज होती थी अब गांव में भी लोग डायबिटीज का शिकार तेजी से हो रहे हैं. ऐसे में डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि लखनऊ शहर के डॉक्टर अनुज माहेश्वरी ने डायबिटीज का इलाज हाईटेक किया. उन्होंने एक सेंसर डायबिटीज मरीजों के कंधे पर लगाना शुरू किया, जो 14 दिन तक उनके कंधे पर लगा रहेगा. 15वें दिन में आकर उस सेंसर को मरीज उन्हें देंगे और उसके बाद पूरे 14 दिन के दौरान मरीज का शुगर स्तर कब बड़ा कब घटा, इसका पूरा डाटा उनके पास आ जाएगा, जिसके जरिए मरीज के शुगर स्तर को समझना आसान हो जाएगा.
यही नहीं डॉक्टर अनुज माहेश्वरी को 100 फ़ीसदी शुगर कंट्रोल करने के लिए जाना जाता है. यही वजह है कि अमेरिकन कॉलेज का फिजिशियन ने इन्हें अपना गवर्नर बनाया है. इसके साथ ही डॉक्टर अनुज माहेश्वरी रिसर्च सोसायटी फॉर स्टडी इन इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट भी हैं और जल्द ही इसी समिति के प्रेसिडेंट के पद के लिए भी वह आवेदन करेंगे. डॉक्टर अनुज माहेश्वरी की अपनी कहानी भी बेहद दिलचस्प है. ज्यादातर माहेश्वरी परिवार बिजनेस से जुड़ा होता है. इनका परिवार भी ऐसा ही था लेकिन उनके पिता ने ट्रेंड तोड़ा और उन्होंने इंश्योरेंस कंपनी में मैनेजर का पद संभाला. पिता से प्रेरणा लेकर इन्होंने भी अपनी बिजनेसमैन वाली जंजीर तोड़ी और डॉक्टर बनने का सपना देखा.
मां ने कहा- फोन उठाऊं तो आवाज आए ‘डॉक्टर साहब घर पर हैं क्या’
डॉ. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि उस जमाने में लैंडलाइन फोन बहुत कम घरों में हुआ करता था. उनमें से एक घर इनका भी था जहां फोन था. एक दिन मां ने कहा बेटा कभी ऐसा हो कि “मैं फोन उठाऊं और दूसरी तरफ से आवाज आए डॉक्टर साहब घर पर हैं क्या” मां के इन शब्दों को सुनकर डॉक्टर अनुज माहेश्वरी ने डॉक्टर बनने का सपना देखा और अपने एक मित्र से पूछा कि डॉक्टर कैसे बनते हैं. लेकिन इनके मित्र ने इन्हें बहुत ही हताश किया. लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी और पिता से बात करके सीपीएमटी का पेपर दिया और फिर इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. फिर केजीएमयू से एमडी किया और प्रैक्टिस की. रिसर्च के क्षेत्र में भी इनका बड़ा नाम है.
बढ़ती जा रही है डायबिटीज कंट्रोल करना जरूरी
डॉ. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि डायबिटीज हमारी शारीरिक निष्क्रियता के कारण बढ़ रही है. मशीनों पर हम निर्भर हो गए हैं. शरीर से कम से काम ले रहे हैं. किसी वक्त भी कुछ भी खा ले रहे हैं. सोना कम कर दिया है. यही वजह है कि डायबिटीज के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर के भी मरीज हमारे देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. 2002 में पूरे देश में सिर्फ सवा करोड़ डायबिटीज के मरीज थे आज 2024 में 11 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं. लगातार डायबिटीज बढ़ रही है. अगर इसका इलाज हाईटेक नहीं किया गया तो दिन प्रतिदिन बढ़ रही डायबिटीज के मरीजों को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए उन्होंने हाईटेक इलाज करना शुरू किया है और 100 फीसदी मरीजों को फायदा है. 100 फीसदी शुगर कंट्रोल किया है.
यह है सबसे बड़ा दुख
डॉ. अनुज माहेश्वरी ने बताया कि उनकी सात जेनरेशन में कोई भी डॉक्टर नहीं था. पहली बार वह डॉक्टर बने तो अब घर में कुल सात डॉक्टर हो चुके हैं. पिता बैठते थे तो उनके चारों ओर हम सात डॉक्टर यानी भाई बहन बैठते थे. लेकिन दुख की बात यह है कि जिस दिन पिता को दिल का दौरा पड़ा उस दिन हम सातों भाई-बहन बाहर थे. घर में सात डॉक्टर होने के बावजूद अंतिम वक्त पर अपने पिता के काम एक भी घर का डॉक्टर नहीं आ सके. उनको अस्पताल भी पड़ोसियों की मदद से ले जाया गया था जिसके बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका. यह एक सबसे बड़ा मलाल आज तक उनके दिल में है कि वह उस वक्त घर पर क्यों नहीं थे.
Tags: Diabetes, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 11, 2024, 09:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed