गजब है यह आयुर्वेदिक बेल सीधा पत्ता भर देता है गहरा घाव उल्टा लगाने से
गजब है यह आयुर्वेदिक बेल सीधा पत्ता भर देता है गहरा घाव उल्टा लगाने से
ghav sukhane ki ayurvedic dawa: यह बेल रामपुर नवाब ने विदेश से ला कर यहां लगाई थी और ये पूरे जिले में एकमात्र बेल बताई जाती है. इसकी खासियत है कि अगर इसके पत्ते को सीधा लगाया जाए तो घाव ठीक हो जाता है और अगर उल्टा लगाया जाए तो....
अंजू प्रजापति/रामपुर: पुराने समय में जब अंग्रेजी दवाइयां बहुत ज्यादा चलन में नही थीं और इनसे जुड़ी बहुत खोज भी नहीं हुई थी तब बीमारियों को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल होता था. हालांकि, अंग्रेजी दवाओं के मुकाबले साइड इफेक्ट या दुष्प्रभाव काफी कम होने के चलते एक बार फिर आयुर्वेदिक दवाओं की तरफ लोगों का झुकाव बढ़ रहा है. आज हम आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक बेल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें गहरे से गहरे घाव को सुखाने की क्षमता होती है. इस बेल का इस्तेमाल नवाबों के दौर में किया जाता था. उस दौर में किसी दवाई का इस्तेमाल नही होता था बल्कि इस बेल के पत्तों का इस्तेमाल घाव को ठीक करने के लिए किया जाता था.
ये अद्भुत आयुर्वेदिक बेल कई शदियों से रामपुर में पर अपनी शाखाएं फैलाए हुए है. रामपुर में खंडहरों के बीच कोसी वीयर की ओर जाने वाली सड़क पर एक पुराना, धूल से लदा और भूला हुआ महल है. यह महल बेनजीर कोठी के नाम से प्रसिद्ध है. रामपुर के आखिरी शासक नवाब रजा अली खान ने इस आयुर्वेदिक बेल को अपने महल के बगीचे में लगाया था.
नवाब परिवार के कर्मचारी के मुताबिक, यह बेल रामपुर नवाब ने विदेश से ला कर यहां लगाई थी और ये पूरे जिले में एकमात्र बेल बताई जाती है. इसकी खासियत है कि इस बेल के दो रूप हैं. अगर इसके पत्ते को सीधा लगाया जाए तो घाव ठीक हो जाता है और अगर उल्टा लगाया जाए तो घाव पक जाता है.
जड़ी बूटियां न केवल शारीरिक क्षमता को बढाती हैं बल्कि यह गहरे घावों को भी भरने के काम आती हैं. रामपुर में नवाब के बगीचे में पाई जाने वाली अद्भुत बेल के विशेष आयुर्वेदिक महत्व भी हैं. लोग इसके पत्ते को घाव हो जाने पर लगाते हैं. यह बेल दिखने में बिल्कुल पान के पत्ते जैसी ही है.
इस खबर में दी गई जानकारी, नवाब परिवार के जानकार से बात करके लिखी गई है. किसी भी तरह की घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 28, 2024, 11:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed