बिना किसी दर्द के होगा इलाज इस खास तकनीक से होगी हर्निया की सर्जरी
बिना किसी दर्द के होगा इलाज इस खास तकनीक से होगी हर्निया की सर्जरी
आमतौर पर हर्निया के मरीजों को सर्जरी करानी पड़ती है, लेकिन इसके बाद भी यह समस्या दोबारा हो सकती है. अब जटिल से जटिल हर्निया का इलाज आसानी से किया जा सकेगा.
कानपुर: कानपुर और आसपास के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. हर्निया की जटिल समस्याओं से जूझ रहे मरीजों का अब जर्मन की खास तकनीक से बिना किसी दर्द के इलाज किया जाएगा. कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में प्रदेश में पहली बार यह खास सर्जरी शुरू की जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में मरीजों को लाभ मिलेगा. आइए जानते हैं, क्या है यह फेशियाटेंस तकनीक और इसके फायदे.
वरदान साबित होगी फेशियाटेंस तकनीक
आमतौर पर हर्निया के मरीजों को सर्जरी करानी पड़ती है, लेकिन इसके बाद भी यह समस्या दोबारा हो सकती है. अब जटिल से जटिल हर्निया का इलाज आसानी से किया जा सकेगा. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में पहली बार जर्मन की फेशियाटेंस विधि से इलाज शुरू किया जाएगा. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज है, जहां पर यह तकनीक शुरू की जा रही है.
क्या है फेशियाटेंस तकनीक?
फेशियाटेंस तकनीक एक ऐसी विधि है, जिससे कम समय में और बिना किसी चीरा लगाए सर्जरी की जा सकती है. इस तकनीक में लोहे की रॉड का प्रयोग किया जाता है, जिसमें मरीज को टेबल पर बांधा जाता है. इसके बाद जिस मसल के पास हर्निया होती है, उसकी झिल्ली को धागे से बांध दिया जाता है और उसमें वजन डालकर टेंशन दी जाती है. वजन 8 से 18 किलो तक डाला जाता है और 20 से 25 मिनट तक रखा जाता है. इसके बाद धीमे-धीमे प्रेशर बढ़ाया जाता है. इसमें वर्टिकल प्रेशर का उपयोग किया जाता है, जिससे मसल व झिल्ली की स्ट्रेचिंग होती है और टिशू बंद हो जाता है, जिससे मरीज को हर्निया से राहत मिलती है.
महंगी है सर्जरी
कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉक्टर संजय काला ने बताया कि यह सर्जरी पहली बार यहां शुरू की जा रही है. हालांकि, यह सर्जरी महंगी है, इसलिए शुरुआती समय में इसे करने की तैयारी है. मरीजों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए शासन से भी मदद ली जाएगी ताकि इस सर्जरी के उपयोग से मरीजों को आसानी से हर्निया से राहत मिल सके.
Tags: Health, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed