कहीं आपको भी तो नहीं है एलर्जी की समस्या इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू),लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने एक खास सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया.

कहीं आपको भी तो नहीं है एलर्जी की समस्या इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
ऋषभ चौरसिया/लखनऊ:आमतौर पर लोग एलर्जी को सामान्य समस्या समझते हैं, लेकिन कुछ एलर्जी की स्थितियां ऐसी होती हैं जिन्हें सही पहचानना और समझना जरूरी होता है. इसी उद्देश्य के साथ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू),लखनऊ के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने इंडियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एंड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी (आईसीएएआई) एवं विश्व एलर्जी संगठन के तत्वावधान में एक खास सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. यह कार्यक्रम दो बड़ी एलर्जी समस्याओं,अर्टिकेरिया और एंजियोएडेमा पर केंद्रित था. इस कार्यक्रम का आयोजन विभाग के अध्यक्ष, डॉ. सूर्यकान्त के अध्यक्षता में किया गया. प्रोफेसर राजीव गर्ग का कहना है कि यह शैक्षिक कार्यक्रम विशेष रूप से इसलिए आयोजित किया गया था. ताकि लोगों को  एलर्जी की स्थितियों के बारे में समझ आ सके. इस कार्यक्रम के माध्यम से उन स्थितियों के कारणों, लक्षणों, और उपलब्ध आधुनिक उपचार विकल्पों की गहन जानकारी प्रदान की गई. यह होते हैं लक्षण एंजियोएडेमा की मुख्य लक्षण है त्वचा पर उभरे हुए लाल और खुजली वाले चकत्ते, जिन्हें आमतौर पर पित्ती कहा जाता है. डॉ. राजीव गर्ग ने समझाया कि ये चकत्ते एलर्जी, संक्रमण, दवाइयों या तनाव जैसे विभिन्न कारणों से हो सकते हैं.  इस व्याख्यान के दौरान, प्रतिभागियों को इन स्थितियों के पैथोफिजियोलॉजी की गहरी जानकारी दी गई और उन्हें सिखाया गया कि कैसे इन स्थितियों के विभिन्न रूपों में अंतर किया जा सकता है. नवीनतम जानकारी प्राप्त करनी चाहिए पूर्व अध्यक्ष और रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग केजीएमयू के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सूर्यकान्त ने बताया कि एलर्जी संबंधित स्थितियों की जटिलताओं का निदान और उपचार महत्वपूर्ण होता है और इनमें अक्सर चुनौतियां आती हैं. उन्होंने इस पर बल दिया कि चिकित्सकों को नवीनतम जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और चुनौतीपूर्ण स्थितियों में प्रभावित रोगियों की देखभाल के लिए व्यावहारिक रणनीतियों को अपनाना चाहिए. कारकों की पहचान डॉ. राजीव गर्ग ने पित्ती और एंजियोएडेमा के पैथोफिजियोलॉजी पर विस्तार से बात की और उनके निदान व उपचार की विधियों को समझाया. उन्होंने इस दौरान इन स्थितियों से जुड़े सामान्य ट्रिगर्स और जोखिम कारकों की पहचान करने के बारे में भी चर्चा की. इसके अलावा उन्होंने त्वचा परीक्षण और प्रयोगशाला जांच जैसी नैदानिक तकनीकों में हुई नवीनतम प्रगति पर भी बात की. इस कार्यक्रम में विभाग के अन्य संकाय सदस्य जैसे डॉ. आर.ए.एस. कुशवाहा, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. दर्शन बजाज, डॉ. ज्योति बाजपेयी, और डॉ. अंकित कुमार समेत विभाग के सभी रेजिडेंट्स उपस्थित थे. . Tags: Health tips, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 15:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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