इस खेती ने युवा किसान की बदल दी तकदीर! सिर्फ 55 दिनों में कमा रहा लाखों
इस खेती ने युवा किसान की बदल दी तकदीर! सिर्फ 55 दिनों में कमा रहा लाखों
किसान राजकुमार ने बताया कि पहले वह पारंपरिक खेती करते थे. जिसमें उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ. फिर हमने सोचा क्यों न ऐसी खेती की जाए, जिसमें ज्यादा मुनाफा मिल सके. फिर हमने फूल और बंद गोभी की खेती की, जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ.
संजय यादव/ बाराबंकी: वैसे तो हमारे यहां कुछ ऐसी सब्जियां हैं, जिनकी खेती गर्मी के सीजन में अच्छा मुनाफा देकर के जाती हैं. दरअसल हम बात कर रहे हैं फूल व बंद गोभी की सब्जी की. जो सभी पसंद करते हैं. ज्यादातर यह सब्जियां ठंड के मौसम में आसानी से मिल जाती है. लेकिन गर्मी और बरसात में मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाती है. वहीं अगर बंद गोभी व फूलगोभी मिलेगी तो वह कोल्ड स्टोर वाली होती है. लेकिन अब इसकी कई उन्नत किस्म आ गई हैं, जिनकी खेती गर्मी व बरसात में की जा सकती है. इन दिनों इसकी कीमत अन्य सीजन के मुकाबले अच्छी मिल सकती है. जिससे किसान मोटी कमाई कर सकते हैं.
जिले का एक युवा किसान फूल व बंद गोभी की खेती कई वर्षों से कर कर रहा है, जिससे वो लाखों रुपए मुनाफा कमा रहा है. बाराबंकी जिले के सहेलियां गांव के रहने वाले युवा किसान राजकुमार ने एक बीघे में फूल गोभी और बंद गोभी की खेती की शुरुआत की. जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. आज वह करीब तीन बीघे में फूलगोभी के साथ बंद गोभी की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग उन्हें दो से ढाई लाख रुपए एक फसल में मुनाफा हो रहा है.
किसान राजकुमार ने बताया कि पहले वह पारंपरिक खेती करते थे. जिसमें उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ. फिर हमने सोचा क्यों न ऐसी खेती की जाए, जिसमें ज्यादा मुनाफा मिल सके. फिर हमने फूल और बंद गोभी की खेती की, जिसमें हमें अच्छा मुनाफा हुआ. आज करीब तीन बीघे में फूल व बंद गोभी की खेती कर रहे हैं, जिसमें लागत करीब एक बीघे में 8 से 10 हजार रुपये आती है और मुनाफा करीब एक फसल पर दो से ढाई लाख रुपए तक हो जाता है. क्योंकि इसमें पौधे, खाद, जुताई, लेबर आदि का खर्च लगता है. बाकी इसमें ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है.
इसकी खेती करना बहुत ही आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है, उसके बाद खेत समतल करके उसमें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर फूल गोभी व बंद गोभी के पौधे लगाये जाते हैं. इसकी हम सिंचाई कर देते हैं. फिर इसके पौधे में गोबर की खाद का छिड़काव करते हैं, जिससे पेड़ जल्दी तैयार हो जाता है. फिर 50 से 55 दिनों में फसल निकलनी शुरू हो जाती है, जिसे तोड़ करके हम बाजारो में बेच सकते हैं.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 15:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed