सावधान! बाजार में बिक रहे केमिकल से पके आम सेहत के लिए हैं बड़े खतरनाक
सावधान! बाजार में बिक रहे केमिकल से पके आम सेहत के लिए हैं बड़े खतरनाक
उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कार्बाइड और पेस्टिसाइड किसी भी फसल के लिए हानिकारक होते हैं. इससे पैंक्रियाज, लीवर समेत तमाम तरह के कैंसर होते हैं. ऐसे में ये जो आम कार्बाइड और चाइनीज पुड़िया समेत अलग-अलग केमिकल्स से पकाए जा रहे हैं, ये सेहत के लिए हानिकारक हैं.
अंजलि सिंह राजपूत/ लखनऊ: लखनऊ समेत देशभर के कोने-कोने में दशहरी आम अभी से ही मिलना शुरू हो गया है, जिसे लोग खूब खा रहे हैं. जबकि दशहरी आम लखनऊ शहर से कुछ ही किलोमीटर दूर मलिहाबाद की ही बेल्ट पर 90 फीसदी उगाया जाता है और इसकी हकीकत पर नजर डालें तो मलिहाबाद और रहमान खेड़ा में 5 जून के बाद ही दशहरी आम को पेड़ से तोड़ा जाएगा. उसके बाद बाजारों में भेजा जाएगा तो बाजारों में मिल रहा आखिर दशहरी आम कौन सा है. यही जानने के लिए जब अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि दशहरी आम अभी पका नहीं है. 5 जून के बाद दशहरी आम पेड़ों से तोड़ा जाएगा. ऐसे में अभी जो आम मिल रहा है, वो कार्बाइड से पकाया गया है या फिर एक चाइनीज पुड़िया आती है उससे इसे पकाया जाता है. जल्दबाजी में आमों को बेचकर फायदा कमाने के लिए कुछ लोग आम को कार्बाइड और चाइनीज पुड़िया से पका रहे हैं, जो कि बेहद गलत है.
सेहत के लिए इतना घातक
उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कार्बाइड और पेस्टिसाइड किसी भी फसल के लिए हानिकारक होते हैं. इससे पैंक्रियाज, लीवर समेत तमाम तरह के कैंसर होते हैं. ऐसे में ये जो आम कार्बाइड और चाइनीज पुड़िया समेत अलग-अलग केमिकल्स से पकाए जा रहे हैं, ये सेहत के लिए हानिकारक हैं. इसे खाने के बाद आपको पेट में जलन, दस्त के साथ ही कैंसर समेत विभिन्न रोग हो सकते हैं. ऐसे में किसानों से भी यही अपील है कि जल्दबाजी में आम को पका कर मुनाफा कमाने के लिए ऐसा ना करें और ना ही किसी के दबाव में आएं. लोग भी बाजारों में मिल रहे आम अभी खाना ना शुरू करें.
ऐसे करें जांच
उन्होंने बताया कि आप जो आम खा रहे हैं वो नेचुरल है या नकली तरीके से पकाया गया है, इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. सारे आमों को एक बाल्टी पानी में डाल दें. अगर आम डूब जाते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से पके हुए होते हैं. अगर वे तैरते हैं, तो मतलब इन्हें कृत्रिम रूप से पकाया गया है. कृत्रिम रूप से पके आम में बहुत कम या कोई रस नहीं होता है. इसके अलावा कृत्रिम रूप से पके आम में हरे रंग के धब्बे होने की संभावना होती है.
Tags: Health News, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 08:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed