एक छोटा सा चुंबक बचा सकता है लाखों जानवरों की जान ऐसे करें प्रयोग
एक छोटा सा चुंबक बचा सकता है लाखों जानवरों की जान ऐसे करें प्रयोग
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि पशु पहले ज्यादा बाहर जाकर चारा चरते थे. इस दौरान वो अपने दांतों का इस्तेमाल कर चारा खाते थे. लेकिन अब पशु मैदानों में कम जाते हैं और स्टॉल फीड ज्यादा करते हैं. और स्टॉल पर चारा खाने के दौरान पशु दांतों का कम जीभ का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें पता ही नहीं चल पाता है कि चारे के साथ वो मैटल का कोई आइटम भी खा रहे हैं
सौरभ वर्मा/ रायबरेली. आमतौर पर हम जिस मशीन के पार्ट्स को देख तथा छू सकते हैं उन्हे हार्डवेयर कहते हैं. हार्डवेयर के अंतर्गत आने वाली वस्तुओं में नट बोल्ट, कील, तार जैसी वस्तुएं शामिल है लेकिन यही हार्डवेयर शब्द का उपयोग जब पशुओं के लिए किया जाता है तो सुनने में बड़ा अजीब लगता है. परंतु हार्डवेयर सिर्फ एक शब्द ही नहीं बल्कि पशुओं में होने वाली एक बीमारी भी है जिसे टीआरपी के नाम से भी जाना जाता है. जो पशुपालक किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन जाती है. कृषि और डेयरी क्षेत्रों में खेती के बढ़ते मशीनीकरण के साथ-साथ निर्माण उद्योग के कारण पशुओं में हार्डवेयर रोगों की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसके चलते पशुपालक को पशु हानि हो होती ही है, साथ में उत्पादन पर भी इसका असर पड़ता है.
रायबरेली के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा(एमवीएससी वेटनरी) बताते हैं कि दुधारू पशुओं में ट्राई मेटिक रेटकुलो पेरोनेटिक्स (टीआरपी) यानी की हार्डवेयर बीमारी की समस्या लगातार बढ़ रही है इसका मुख्य कारण डेयरी और कृषि क्षेत्र में लगातार हो रहे आधुनिकीकरण एवं मशीनीकरण के साथ-साथ निर्माण उद्योग के कारण दुधारू पशुओं में हार्डवेयर रोग की घटनाएं बढ़ रही हैं. पशु में इस बीमारी के होने से उसके दुग्ध उत्पादन पर असर पड़ता है
कैसे पड़ा ये नाम?
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि हार्डवेयर एक ऐसी बीमारी है जों तार, कील , मशीन के पुर्जे, नुकीली वस्तुएं, का सेवन करने पर होती है इसीलिए इसे हार्डवेयर रोग का नाम दिया गया है. इन वस्तुओं का जब पशु सेवन करते हैं तो यह वस्तुएं सीधा उनके पेट के दूसरे भाग रेटिकुलम में जाकर फंस जाती हैं इससे उनके डायाफ्राम या हृदय की झिल्ली में छेद हो जाता है जो दुधारू पशुओं के लिए बेहद खतरनाक है. ऐसे में पशु को बचाने के लिए एक मात्र इलाज उसका ऑपरेशन करना ही होता है.
हार्डवेयर रोग का कारण
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि पशु पहले ज्यादा बाहर जाकर चारा चरते थे. इस दौरान वो अपने दांतों का इस्तेमाल कर चारा खाते थे. लेकिन अब पशु मैदानों में कम जाते हैं और स्टॉल फीड ज्यादा करते हैं. और स्टॉल पर चारा खाने के दौरान पशु दांतों का कम जीभ का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें पता ही नहीं चल पाता है कि चारे के साथ वो मैटल का कोई आइटम भी खा रहे हैं.
ये हैं लक्षण :
⦁ हार्डवेयर बीमारी होने पर पशु चारा कम खाता है.
⦁ पशु सुस्त रहता है और हिलने डुलने में समस्या होती है.
⦁ स्वास लेने में दिक्कत होती है,साथ ही अक्सर वह बेचैन रहते हैं.
चुंबक का ऐसे करें प्रयोग
डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि इस रोग से जानवरों को बचाने के लिए 2 से 3 सेंटीमीटर का गोल चुंबक हम जानवरों के पेट में उतार दें. ये चुंबक पेट में जाने के बाद पशु को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है. अब गाय-भैंस मेटल की जो भी चीज खाती है तो वो पेट के रास्ते में इस चुम्बक से चिपक जाएगा. चुंबक से चिपकने के बाद मैटल भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा. चुंबक रखने के बाद जानवरों के व्यवहार और दूध उत्पादन में कोई अंतर आता है तो फौरन गाय-भैंस का एक्सरे करा लें. अगर एक्सरे से ये मालूम हो जाए कि चुंबक के साथ मेटल की बहुत सारी चीजें आकर चिपक गई हैं तो ऑपरेशन करा लें. ये एक बहुत छोटी सी सर्जरी होती है.
Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 08:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed