लखीमपुर: पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. यूपी के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. ऐसे में कई जगह पर किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही है. आलम यह है कि धान और गन्ने की फसल पानी से डूबी हुई है. ऐसे में किसानों के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चिंता है फसलों को किसी तरह बचाना
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद अगर किसान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो फसलों को बचाया जा सकता है. कृषि एक्सपर्ट दुर्गेश कुमार जायसवाल ने बताया कि धान की फसल जिसको ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता होती है, लेकिन बाढ़ आ जाने से कई जगह पर धान की फसल कई दिनों तक पानी में डूबी रही. ऐसे में जरूरी है कि बाढ़ का पानी निकलने के बाद किसान अच्छे फंगीसाइड का इस्तेमाल करें तो धान की फसल को बचाया जा सकता है.
बाढ़ का पानी पौधे के लिए घातक
कई दिनों तक बाढ़ का पानी भरे रहने की वजह से धान की पत्तियों के ऊपर मिट्टी की एक परत जम जाती है. जिससे पत्तियां भोजन नहीं बना पाती और पौधा कमजोर होने के बाद धीरे-धीरे मर जाता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान स्प्रे पंप में ताजा पानी भरकर पानी का छिड़काव फसल के ऊपर कर दें. जिससे पत्तियां धुल जाएंगी और पत्तियां फिर से भोजन ग्रहण करना शुरू कर देगी.
बाढ़ के बाद धान को फंगस से कैसे बचाएं?
ताजे पानी से पत्तियों को धोने के बाद किसान Biovata X (carbendazim 12% + mancozeB 65% नाम की दवा प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर धान की फसल पर छिड़काव दें. ऐसा करने से पौधे को फंगस की बीमारी से बचाया जा सकता है. क्योंकि धान की फसल में ज्यादा दिनों तक पानी भरा रहने की वजह से पौधे को फंगस लगने की आशंका बनी रहती है. जिससे धान के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती है तो पौधे की बढ़वार रुक जाती
Tags: Agriculture, Local18, Paddy cropFIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 12:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed