स्वाती केस: बिभव का बचना आसान नहीं कितनी बड़ी मुसीबत कानून की नजर से समझें
स्वाती केस: बिभव का बचना आसान नहीं कितनी बड़ी मुसीबत कानून की नजर से समझें
Swati Maliwal News: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल संग मारपीट के आरोप के बाद अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस के सामने सारी कहानी बयां कर दी है. इसके बाद पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और उनकी तलाश में जुट गई है.
नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल संग मारपीट के आरोप के बाद अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार बुरी तरह फंसते नजर आ रहे हैं. स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस के सामने सारी कहानी बयां कर दी है. इसके बाद पुलिस ने बिभव कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और उनकी तलाश में जुट गई है. दिल्ली पुलिस जब बिभव के घर गुरुवार रात पहुंची तो वह वहां मौजूद नहीं थे. अब सूत्रों का कहना है कि बिभव पुलिस से भाग रहे हैं और वह पंजाब में हो सकते हैं. अब क्योंकि स्वाति मालीवाल केस में दिल्ली पुलिस एक्टिव हो गई है, ऐसे में अब समझना जरूरी है कि आखिर कानून की नजर में बिभव पर यह कितनी बड़ी मुसीबत है और स्वाति मालीवाल केस में बिभव का बचना कितना आसान है और कितना मुश्किल?
सीनियर वकील के.के मनन के की मानें तो इस मामले में चूंकि अब दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है, इसलिए मामले में अब आगे किस तरह से जांच बढ़ेगी, यह जांच अधिकारी पर निर्भर करता है. वह सीआरपीसी की धारा 41 के तहत बिभव कुमार को नोटिस भेज सकते हैं या फिर गिरफ्तारी के कारण बताते हुए बिभव को दिल्ली पुलिस सीधा अरेस्ट कर सकती है. दिल्ली पुलिस अरेस्ट करके उन्हें अदालत में पेश कर सकती है. बिभव इस केस में बुरी तरह फंस गए हैं, क्योंकि इस मामले में आईपीसी की धारा 354 भी लगी हुई है, जो गैर जमानती है. आईओ यानी जांच अधिकारी के पास मामले के तथ्यों और परिस्थितयों को देखते हुए गिरफ्तार करने के पूरे अधिकार हैं.
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कानून की नजर में कितनी बड़ी मुसीबत?
वहीं, क्रिमिनल केसों के वकील असगर खान का मानना है कि स्वाति मालीवाल केस में दर्ज एफआईआर के हिसाब से बिभव कुमार की गिरफ्तारी होना तय है. इस मामले में आईपीसी की धारा 354, 506, 323 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. धारा 354 गैर जमानती अपराध है और उसमे सात साल तक की सजा का प्रावधान है. सीनियर वकील असर खान के मुताबिक, हालांकि, बिभव कुमार के पास अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का विकल्प है, लेकिन अदालत भी मामले के तथ्यों को देखते हुए ही विचार करेगी. बाकी की तीन धाराएं जमानती हैं, मगर एफआईआर में धारा 354 जुड़ी होने के कारण बिभव कुमार बढ़ती मुश्किल साफ दिखाई दे रही है.
कैसे और बढ़ेगी बिभव की मुसीबत?
इसके अलावा, कानून के जानकार यह भी कह रहे हैं कि हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण पुलिस इस मामले में अतिरिक्त सावधानी बरत रही है. आम आमदी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के अदालत के सामने 164 के तहत बयान दर्ज करवाये जाएंगे, जो बिभव की मुश्किल और ज्यादा बढ़ाएगा. 164 के तहत दिया गया बयान ट्रायल के दौरान मान्य होता है. बता दें कि बीते दिनों स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनके पीए पर मारपीट का आरोप लगाया था. स्वाति मालीवाल ने पुलिस को बताया है कि उनके पेट और चेहरे पर मारा गया और उन्हें लात से भी पीटा गया है.
स्वाति मालीवाल केस से जुड़ी FIR में कौन-कौन सी धाराएं दर्ज हैं?
354- किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल
506- आपराधिक धमकी देना
509 – अपमान करने के इरादे से शब्द का इशारा या कृत्य
323 – मारपीट करना
स्वाति मालीवाल केस में अभी क्या है लेटेस्ट अपडेट?
स्वाति मालीवाल केस में दिल्ली पुलिस बिभव कुमार की तलाश में जुट चुकी है. स्वाति मालीवाल के आरोपों की सत्यता जांचने के लिए दिल्ली पुलिस अब सीएम आवासा पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को खंगालेगी. स्वाति मालीवाल संग कब, कहां और कैसे मारपीट हुई है, इसकी पड़ताल करने के लिए सीसीसीटीव फुटेज का सहारा लिया जाएगा. इस बीच इस मामले को लेकर दिल्ली में सियासत भी तेज हो चुकी है. भाजपा महिला मोर्चा की दिल्ली इकाई ने आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से कथित बदसलूकी के मामले में शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया. इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को कुमार को तलब किया है.
Tags: Arvind kejriwal, Delhi news, Swati MaliwalFIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 12:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed