131 साल पहले स्वामी विवेकानंद हिंदू धर्म को लेकर कांग्रेस पर बरसे PM मोदी
131 साल पहले स्वामी विवेकानंद हिंदू धर्म को लेकर कांग्रेस पर बरसे PM मोदी
PM Modi Hindu Speech: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा, "एक सोची-समझी रणनीति के तहत हिंदू संस्कृति-परंपरा को गाली देना. उसे नीचा दिखाना इनका फैशन है. ये राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं." राहुल गांधी ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया था.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिंदू धर्म पर आरोप लगाने के लिए परोक्ष रूप से कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है. दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग स्वयं को हिंदू कहते हैं वे ‘हिंसा, नफरत’ में लिप्त हैं.
पीएम मोदी पलटवार करते हुए कहा, “सदन में सोमवार को हुआ उसे माफ नहीं किया जा सकता. 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है. हिंदू सहनशील है. हिंदू अपनत्व को लेकर जीने वाला समूह है. इसी कारण भारत का लोकतंत्र, विविधताएं उसी के कारण पनपी है. यह कहा गया कि हिंदू हिंसक होते हैं. ये हैं आपके संस्कार. ये है आपका चरित्र. ये है आपकी नफरत.”
उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा, “कुछ दिन पहले हिंदुओं में जो शक्ति की कल्पना है उसकी विनाश की घोषणा की गई थी. आप किस शक्ति की बात करते है. ये देश सदियों से शक्ति का उपासक है. ये मां दुर्गा-काली की पूजा करता है. ये वे लोग हैं जिन्होंने हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ने की कोशिश की थी. इनके साथी हिंदू धर्म की तुलना डेंगू-मलेरिया ऐसे शब्दों से करें और ये लोग तालियां बजाए. ये देश इन्हें माफ नहीं करेगा.”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर हमेशा झूठ बोला है. ये वो लोग हैं जो शुरुआत से देश के दलितों के साथ, पिछड़ों के साथ घोर अन्याय किया है. और इसी कारण कांग्रेस की दलित विरोधी और पिछड़ा विरोधी मानसिकता की वजह से नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दिया था.
पीएम मोदी ने कांग्रेस को बताया दलित विरोधी
देश की सबसे पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने उन्हें दलित विरोधी करार दिया और कहा, “बाबा साहेब ने कहा था कि वह सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों की उपेक्षा को देखकर खुद को रोक नहीं पाए. तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू ने बाबा साहेब अंबेडकर का राजनीतिक जीवन खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा दी. पहले षड्यंत्रपूर्वक बाबा साहेब को हरवाया गया. उन्होंने बाबा साहेब की पराजय की खुशी बनाई. इसका जिक्र एक पत्र में लिखित है.”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “बाबा साहेब की तरह दलित नेता बाबू जगजीवन राम को भी उनका हक नहीं दिया गया. आपातकाल के बाद जगजीवन राम के पीएम बनने की संभावना थी. लेकिन कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया की किसी भी कीमत पर जगजीवन राम को पीएम नहीं बनना चाहिए. कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह के साथ भी यही व्यवहार किया. उनको भी नहीं छोड़ा था.”
उन्होंने कहा, “पिछड़ों के नेता कांग्रेस के अध्यक्ष सीताराम केसरी को अपमानित करने का काम इसी कांग्रेस ने किया था. कांग्रेस पार्टी शुरुआत से ही आरक्षण की विरोधी रही है. नेहरू ने तो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर साफ-साफ आरक्षण का विरोध किया. इंदिरा गांधी ने मंडल कमिशन की रिपोर्ट को दबाए रखा. राजीव गांधी का सबसे लंबा भाषण आरक्षण के खिलाफ था. वह आज भी संसद के रिकॉर्ड में उपलब्ध है.”
Tags: Lok sabha, Narendra modi, Parliament session, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 22:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed