लेकिन मेरी थी वो किसे बताऊं सुशील शिंदे को याद आया 2012 का कश्मीर दौरा

Sushilkumar Shinde: गृह मंत्री के रूप में सुशील कुमार शिंदे के कार्यकाल के दौरान 26/11 के मुंबई हमलावर अजमल कसाब और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु तथा 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले पर मुकदमा चला और दोषियों को फांसी दी गई.

लेकिन मेरी  थी वो किसे बताऊं सुशील शिंदे को याद आया 2012 का कश्मीर दौरा
नई दिल्ली. पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सोमवार को खुलासा किया कि अपने मंत्री कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर के लाल चौक पर जाते समय उन्हें डर लगता था. अपने संस्मरण ‘राजनीति में पांच दशक’ के विमोचन के अवसर पर शिंदे ने 2012 में घाटी की अपनी यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा, “गृह मंत्री बनने से पहले मैं उनसे (शिक्षाविद विजय धर) मिलने गया था. मैं उनसे सलाह मांगता था. उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं इधर-उधर न घूमूं, बल्कि श्रीनगर में लाल चौक पर जाऊं, लोगों से मिलूं और डल झील घूमूं.” एएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिंदे ने आगे कहा, “उस सलाह से मुझे प्रसिद्धि मिली और लोगों को लगा कि यहां एक गृह मंत्री है जो बिना किसी डर के वहां जाता है, लेकिन मेरी फटती थी वो किसको बताऊं? (लेकिन मैं किसे बताऊं कि मैं डर गया था?) मैंने आपको हंसाने के लिए यह कहा था, लेकिन एक पूर्व पुलिस वाला इस तरह नहीं बोल सकता…” #WATCH | Delhi: At the launch of his memoir ‘Five Decades of Politics’, Congress leader Sushilkumar Shinde says, “Before I became the Home Minister, I visited him (educationist Vijay Dhar). I used to ask him for advice. He advised me to not roam around but to visit Lal Chowk (in… pic.twitter.com/MJ4QhrKbwa — ANI (@ANI) September 10, 2024

2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शिंदे को भारत का गृह मंत्री नियुक्त किया था. शिंदे ने 2012 में पी चिदंबरम के बाद केंद्रीय गृह मंत्री का पद संभाला था. अपनी यात्रा के दौरान, कांग्रेस नेता ने श्रीनगर के लाल चौक पर खरीदारी की. वह अपने परिवार के लिए खरीदारी करने के लिए जम्मू-कश्मीर की राजधानी में एक कश्मीर आर्ट्स शोरूम में भी रुके. तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी केंद्रीय मंत्री के साथ थे.

शिंदे ने अपनी यात्रा के दौरान श्रीनगर में ‘क्लॉक टावर’ का भी दौरा किया. क्लॉक टावर, जिसे ‘घंटाघर’ के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण 1978 में पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला के अनुरोध पर किया गया था. जब 2008 और 2010 के दौरान कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन हुए, तो कई बार टावर पर पाकिस्तानी झंडा फहराया गया.

Tags: Jammu kashmir, Srinagar News