EWS आरक्षण: कल आएगा गरीबों के लिए कोटे की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (Economically Weaker Sections-EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत करने वाले संविधान में 103वें संशोधन की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट 7 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगा.

EWS आरक्षण: कल आएगा गरीबों के लिए कोटे की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हाइलाइट्स ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट 7 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगा.सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के विभिन्न पहलुओं से संबंधित 40 याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर किया था.ईडब्ल्यूएस आरक्षण के विरोधियों ने कहा है कि आरक्षण का उद्देश्य लोगों को गरीबी से ऊपर उठाना नहीं है. नई दिल्ली. सरकारी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (Economically Weaker Sections-EWS) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की शुरुआत करने वाले संविधान में 103वें संशोधन की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 7 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगा. भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, एस रवींद्र भट, बेला एम त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 27 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की सोमवार की कार्यसूची के अनुसार सोमवार को दो फैसले आनेवाले हैं. इनमें एक प्रधान न्यायाधीश द्वारा और दूसरा न्यायमूर्ति भट द्वारा आने वाला है. चीफ जस्टिस ललित 8 नवंबर को पद से रिटायर होने वाले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में शुरू की गई ईडब्ल्यूएस आरक्षण नीति के विभिन्न पहलुओं से संबंधित 40 याचिकाओं को सुनवाई के लिए मंजूर किया है. ईडब्ल्यूएस आरक्षण के विरोधियों ने कहा है कि आरक्षण का उद्देश्य लोगों को गरीबी से ऊपर उठाना नहीं है, बल्कि उन लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है जिन्हें संरचनात्मक असमानताओं के कारण इससे वंचित किया गया था. EWS को नौकरियों में 10% आरक्षण मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा फैसला उनका तर्क है कि अगर इसे बरकरार रखा जाता है, तो यह अवसर की समानता का अंत होगा. उनका कहना है कि यह संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है और मंडल आयोग के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा तय की गई आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा का उल्लंघन करता है. जबकि ईडब्ल्यूएस कोटा का समर्थन करते हुए तत्कालीन अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि यह कोटा किसी भी तरह से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों का हनन नहीं करेगा. वेणुगोपाल ने इस दावे को खारिज कर दिया कि इसने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के लिए 50 प्रतिशत कोटा को छेड़े बिना दिया गया है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Reservation, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : November 06, 2022, 08:16 IST