आयुष डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति का मामला SC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं लिखने और सर्जरी करने की अनुमति देने वाले कानूनों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (Central Council of Indian Medicine) से जवाब मांगा है.

आयुष डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति का मामला SC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
हाइलाइट्सआयुष डॉक्टरों को सर्जरी की छूट वाले कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने केंद्र से मांगा जवाब.याचिका में कहा गया- इनसे नीम हकीमों को बढ़ावा मिलेगा. याचिका में कहा गया- इससे लोगों का जीवन खतरे में पड़ेगा. नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं लिखने और सर्जरी करने की अनुमति देने वाले कानूनों को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार और सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (Central Council of Indian Medicine) से जवाब मांगा है. ऐसा करने वाले नए कानूनों को याचिका में यह कहते हुए चुनौती दी गई है कि इनसे नीम हकीमों को बढ़ावा मिलेगा और लोगों का जीवन खतरे में पड़ेगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स की ओर से पेश वकील सुनील फर्नांडीस ने जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ को बताया कि दो कानून- नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन एक्ट, 2020 (National Commission for Indian System of Medicine Act, 2020) और नेशनल कमिशन फॉर होम्योपैथी एक्ट, 2020 (National Commission for Homoeopathy Act, 2020), गैर-वैज्ञानिक और दवा के अप्रमाणित तरीकों को आम जनता पर बड़े पैमाने पर उपयोग करने की छूट देंगे. एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स के वकील सुनील फर्नांडीस ने कहा कि हालांकि इन दोनों कानूनों के पीछे की मंशा प्रशंसनीय थी, क्योंकि वे वैकल्पिक और आधुनिक चिकित्सा को मिलाकर डॉक्टरों की कमी को दूर करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि लेकिन ये योग्यता या अनुभव के बिना ‘नीमहकीमों’ के गलत कामों पर रोक लगाने में विफल होंगे. इसके बजाय ये कानून नीमहकीमों और इलाज के नकली तरीकों को वैध बना देते हैं. हड़ताल: एलोपैथिक डॉक्टरों ने ठप किया कामकाज तो आयुर्वेद चिकित्सकों ने कहा- हम करेंगे मुफ्त इलाज गौरतलब है कि केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत आने वाले सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (Central Council of Indian Medicine) ने आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं लिखने और सर्जरी करने की अनुमति देने का फैसला किया था. जिसका देश भर में डॉक्टरों ने विरोध किया था. इसके विरोध में डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के नेतृत्व में हड़ताल भी की थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Supreme Court, Union GovernmentFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 09:11 IST