SC में उठा जजों की लंबी छुट्टियों का मामला बेंच बोला- लोग नहीं समझते कि हम

Supreme Court News: हर साल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज गर्मियों की छुट्टी पर जाते हैं. जिसका अकसर विरोध किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान मोखिक तौर पर इसका बचाव किया. इस दौरान कपिल सिब्‍बल और तुषार मेहता ने भी अपनी बात रखी.

SC में उठा जजों की लंबी छुट्टियों का मामला बेंच बोला- लोग नहीं समझते कि हम
नई दिल्ली. अक्‍सर सोशल मीडिया पर इस तरह के कमेंट करने वाले लोग मिल ही जाते हैं जो यह सवाल उठाते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों को गर्मियों की लंबी छुट्टी क्‍यों दी जाती है. सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने ने बुधवार को स्‍वयं इस मुद्दे पर टिप्‍पणी की. हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच ने कहा कि जो लोग यह आलोचना करते हैं कि शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट लंबी छुट्टियां लेते हैं, वे यह नहीं समझते कि न्यायाधीशों को शनिवार और रविवार को भी छुट्टियां नहीं मिलतीं. बेंच ने यह टिप्पणी तब की जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो लोग यह आलोचना करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट लंबी छुट्टियां लेते हैं, उन्हें नहीं पता कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं. छुट्टी का मुद्दा तब सामने आया जब सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल मामले को गुरुवार को बहस के लिए पोस्ट किया. दोनों पक्षों से कहा कि 20 मई को सुप्रीम कोर्ट के गर्मियों की छुट्टी पर जा रही है. ऐसे में इससे पहले बहस पूरी की जाए. मेहता ने बेंच से कहा, “जो लोग यह आलोचना करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट लंबी छुट्टियों पर हैं, वे नहीं जानते कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं.” इसपर न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “जो लोग आलोचना करते हैं, वे यह नहीं समझते कि हमारे यहां शनिवार और रविवार को छुट्टियां नहीं होती हैं. अन्य कार्य, सम्मेलन भी होते हैं.” पश्चिम बंगाल मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए मेहता ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश रोजाना 50-60 मामले निपटाते हैं और वे छुट्टी के पात्र हैं. मामले में पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा, “यह देश का सबसे कठिन काम है.” पीठ ने कहा कि छुट्टियों के दौरान न्यायाधीश अपने द्वारा सुने गए मामलों में फैसले लिखते हैं. छुट्टियों के दौरान लंबे फैसले लिखने पड़ते हैं.” इसमें कहा गया कि मामले में फैसला गर्मी की छुट्टियों के दौरान लिखा जा सकता है. मेहता ने कहा, “जो लोग सिस्टम को नहीं जानते, वे इसकी आलोचना करते हैं.” . Tags: High court, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 16:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed