यह क्या हो रहा है SC में चल रही थी सुनवाई फ‍िर जज को आया ED पर गुस्‍सा

Supreme Court Latest Update:कोर्ट ने कहा क‍ि न तो 2019 ईसीआईआर दायर की गई है. अगस्त 2020 में अग्रिम जमानत दी गई थी. यह क्या हो रहा है? आपने (ईडी) पीएमएलए के तहत शिकायत भी दर्ज नहीं की है. आपको बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट टुटेजा को दी गई अग्रिम जमानत को ईडी की चुनौती पर सुनवाई कर रहा था.

यह क्या हो रहा है SC में चल रही थी सुनवाई फ‍िर जज को आया ED पर गुस्‍सा
नई द‍िल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ शराब नीति घोटाला मामले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच आगे नहीं बढ़ने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को फटकार लगाई है. जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अगस्त 2020 में टुटेजा को अग्रिम जमानत दिए जाने के बाद से ईडी ने न तो प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है और न ही मनी लॉन्‍ड्रिंग यानी पीएमएलए कानून के तहत कोई शिकायत दर्ज की है. कोर्ट ने कहा क‍ि न तो 2019 ईसीआईआर दायर की गई है. अगस्त 2020 में अग्रिम जमानत दी गई थी. यह क्या हो रहा है? आपने (ईडी) पीएमएलए के तहत शिकायत भी दर्ज नहीं की है. आपको बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट टुटेजा को दी गई अग्रिम जमानत को ईडी की चुनौती पर सुनवाई कर रहा था. जांच एजेंसी ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) वी राजू ने बताया कि बयान 9 अलग-अलग पार्ट में थे और उन्होंने सुनवाई की एक निश्चित तारीख मांगी. टुटेजा के वकील ने दावा किया कि चार साल पहले हाईकोर्ट के अग्रिम जमानत दिए जाने के बाद से ईडी ने जांच में कोई खास प्रोग्रेस नहीं क‍िया है. इस पर जस्टिस ओका ने ईडी को टुटेजा के खिलाफ सबूतों का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. ईडी ने आरोपी पर लगाए क्‍या आरोप? हालांकि, एएसजी राजू ने जवाब दिया कि कुछ जानकारी रिकॉर्ड पर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सुनवाई के दौरान इससे जुड़े सभी तथ्‍य कोर्ट में पेश क‍िए जाएंगे. उन्होंने कहा क‍ि आरोपी द्वारा आपत्तिजनक आचरण किया गया है और उन्होंने अग्रिम जमानत का दुरुपयोग किया है. जस्टिस ओका ने यह समझने में कठिनाई व्यक्त की कि न्यायपालिका को कैसे शामिल किया जाना चाहिए और ईडी द्वारा हलफनामा दाखिल करने की आवश्यकता दोहराई. टुटेजा के वकील ने सुझाव दिया कि ईडी जानकारी को सीलबंद लिफाफे में पेश कर सकता है. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यह सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विपरीत होगा जिसमें इस प्रथा को अस्वीकार किया गया था. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने 2020 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा उन्हें अग्रिम जमानत दिए जाने के बाद से ईडी के सभी समन का अनुपालन किया है. उन्होंने ईडी की लंबी जांच पर सवाल उठाते हुए कहा क‍ि अगर वे चार साल में जांच पूरी नहीं कर सकते, तो मैं क्या कर सकता हूं? सुनवाई खत्‍म होने से पहले ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए एएसजी राजू ने आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा. उन्होंने कहा क‍ि आदरणीय महोदय सही कह रहे हैं. मैं भाग नहीं रहा हूं. कृपया मुझे समय दें. मैं सब कुछ रिकॉर्ड पर रखूंगा. इसके बाद कोर्ट ने ईडी को समय दिया और मामले को अगस्त में आगे की सुनवाई के लिए रखा है. Tags: Enforcement directorate, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 16:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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