सुल्तान के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल है यह मस्जिद 850 वर्ष पुराना है इतिहास

जिनाती मस्जिद या बादशाही मस्जिद सुल्तानपुर के ऐतिहासिक धरोहर में शामिल है. यह मस्जिद सुल्तानपुर के कस्बा इलाके में स्थित है. कस्बा गांव के पूर्व प्रधान जुबैर अहमद बताते हैं कि यह मस्जिद लगभग 850 वर्ष पुराना है और और यह ब्रिटिश काल के उत्पीड़न को भी झेल चुका है. जिनाती मस्जिद के बाहरी दीवार पर अंग्रेजों द्वारा दागे गए तोप के गोले का निशान आज भी मौजूद है.

सुल्तान के ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल है यह मस्जिद 850 वर्ष पुराना है इतिहास
सुल्तानपुर. कुछ मूर्त धरोहरों को देखकर अंग्रेजों के द्वारा दिए गए दिल पर जख्म ताजा हो जाता है. कुछ ऐसी ही कहानी जुड़ी है सुल्तानपुर के जिनाती मस्जिद से. अंग्रेजी हुकूमत द्वारा दिया गया जख्म आज भी जिंदा है. दरअसल, यह मस्जिद वास्तविक सुल्तानपुर की पहचान मानी जाती है, जिसे इस्लाम धर्म में उच्च दर्जा प्राप्त है. मस्जिद के बगल में एक इमामबाड़ा भी मौजूद है, जिसमें तत्कालीन बादशाह रहा करते थे. हालांकि इमामबाड़ा अब सिर्फ खंडहर में तब्दील होकर ढांचे के रूप में खड़ा है. ऐतिहासिक है यह मस्जिद जिनाती मस्जिद या बादशाही मस्जिद सुल्तानपुर के ऐतिहासिक धरोहर में शामिल है. यह मस्जिद सुल्तानपुर के कस्बा इलाके में बनी हुई है. कस्बा गांव के पूर्व प्रधान जुबैर अहमद बताते हैं कि यह मस्जिद लगभग 850 वर्ष पुराना है और यह ब्रिटिश काल के उत्पीड़न को भी झेल चुका है. लेकिन, वर्तमान में इस मस्जिद का नवीनीकरण कराकर इसके ऐतिहासिक महत्व को संजोकर रखने का प्रयास किया गया है. तोप के गोलों के निशान है मौजूद जिनाती मस्जिद के बाहरी हिस्से की दीवार पर अंग्रेजों द्वारा दागे गए तोप के गोले का निशान आज भी मौजूद है. जो इस बात का प्रमाण है कि इस मस्जिद ने ब्रिटिश हुकूमत के कई दर्दों को झेला है. इसके बावजूद अपने वजूद को जिंदा रखने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा. इसी का परिणाम है कि यह मस्जिद आज भी इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.  मस्जिद के आस-पास है 50 कुएं केएनआईटी के दक्षिणी हिस्से के कस्बा इलाके में मौजूद इस मस्जिद के आस-पास लगभग 50 से भी अधिक कुंए हैं, जो बहुत ही प्राचीन है. लोग ऐसा मानते हैं कि मुख्य सुल्तानपुर यही कस्बा इलाका ही था और इसके पास स्थित इमामबाड़े में बादशाह रहा करते थे. साथ ही इसके पास ही 850 वर्ष पुराना एक साईं कुटी भी मौजूद है. Tags: Local18, Sultanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 18:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed