450 साल पुरानी यह साईं कुटिया है बहुत खास शिरडी वाले साईं बाबा से कैसे है अलग

Sai Data Ashram: सुल्तानपुर की साईं कुटिया बहुत प्रसिद्ध है. लोग इसे 400 साल से भी ज्यादा पुराना बताते हैं. आइए जानते हैं साईं दाता का यह आश्रम शिरडी वाले साईं बाबा से कैसे अलग है.

450 साल पुरानी यह साईं कुटिया है बहुत खास शिरडी वाले साईं बाबा से कैसे है अलग
विशाल तिवारी/सुल्तानपुर: सुल्तानपुर में हर कोई प्रसिद्ध साईं कुटिया के बारे में जानता है. इस कुटिया को 450 साल पुराना बताया जाता है. यह जगह खास इसलिए है क्योंकि यहां किसी भी तरह का कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है. पूजा-पाठ के लिए यहां बाबा आवरण शाह की चरण पादुका रखी गई है, जिस पर लोग माथा टेकते हैं. सुल्तानपुर की साईं कुटिया की कहानी साईं नाम आते ही हमारे दिमाग में शिरडी वाले साईं बाबा आते हैं. लेकिन सुल्तानपुर की साईं कुटिया में रहने वाले साईं बाबा नहीं बल्कि साईं दाता के नाम के लिए जानी जाती है. लोग दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं. लोग इसे 450 साल पुराना बताते हैं. इस वर्ष मिला लिखित प्रमाण सुल्तानपुर स्थित साईं कुटिया का लिखित प्रमाण वर्ष 1913 में मिलता है. इस आश्रम के संरक्षक दयानंद शाह ने बताया कि यह आश्रम आवरण शाह द्वारा स्थापित किया गया था. लेकिन स्थापना को लेकर लोगों में मतभेद है. हालांकि सरकारी अभिलेखों में इस आश्रम का प्रमाण साल 1913 में मिलता है. कर्मकाण्ड का नहीं है कोई प्रावधान   इस आश्रम में रहने वाले लोगों की विचारधारा अन्य पंथों से अलग है. क्योंकि जिस तरह से अन्य धर्मों में पूजा पाठ आदि कर्मकांड करने का प्रावधान है, उस तरह इस विचारधारा में कर्मकांड जैसा कोई प्रावधान नहीं है. यहां लोग सिर्फ मानवतावाद को मानने और उसी को बढ़ावा देने के मकसद से आते हैं. आस्था का साधन सिर्फ भजन सत्य साईं दाता आश्रम अपने गुरु के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए सिर्फ भजन का ही सहारा लेता है. उनके भक्त भी सिर्फ भजन मार्ग से ही अपने गुरु के विचारों और सत्य साईं दाता आश्रम के नियमों को बेहतरीन ढंग से मानते हैं और उसको आगे बढ़ते हैं. यहां सिर्फ लोग चरण पादुका के दर्शन करते हैं और साथ ही भजन भी करते हैं. Tags: Local18, Sultanpur newsFIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 15:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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