सोनभद्र: सोनभद्र जिले के चोपन ब्लाक स्थित गोठानी गांव में स्थित बाबा सोमनाथ का मंदिर, जिसे गुप्तकाशी के नाम से भी जाना जाता है, पूरे जनपद के लोगों की श्रद्धा का केंद्र है. यह पवित्र धाम कई ऐतिहासिक प्रतीकों और दिव्य मान्यताओं से भरा हुआ है, जिससे यह धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बन गया है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 15वीं सदी में हुआ था, जब अगोरी पर खरवार राजवंश का शासन था.
मंदिर निर्माण में राजा मुलागत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, और इसे क्षेत्र की कला और संस्कृति का संग्रहालय कहा जा सकता है. मंदिर का संबंध अगोरी राजवंश और वीर लोरिक के साथ भी जुड़ा हुआ है, जो इस स्थान की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को और बढ़ाता है.
शिवलिंग की महिमा और पुरातात्विक धरोहर
बाबा सोमनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जल अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. यहां की गई खुदाई में 12वीं सदी तक की मूर्तियां और शिलालेख मिले हैं, जो क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को उजागर करते हैं. खास बात यह है कि यहां से मिले कुछ शिलालेखों की भाषा आज भी रहस्य बनी हुई है.
यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह क्षेत्र की पुरातात्विक धरोहर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगोरी किले और वीर लोरिक के किस्सों से जुड़ा यह स्थान इतिहास प्रेमियों और श्रद्धालुओं दोनों के लिए अद्वितीय आकर्षण का केंद्र है.
सोनभद्र में धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र
इस मंदिर का महत्व समय के साथ बढ़ता गया है, और आज यह सोनभद्र में धार्मिक पर्यटन के चरम स्थल के रूप में उभर रहा है, जनपद मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान निश्चित रूप से इतिहास, संस्कृति और आस्था का अनूठा संगम है.
Tags: Local18, Sonbhadra News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 16:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed