बांग्लादेश में हिंसा के बीच लौटी भारतीय छात्रा सुनाई की हिंसा कहानी

Ghazi Medical College: मुरादाबाद की रहने वाली आंचल सैनी बांग्लादेश के गाजी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं. वह बांग्लादेश में हो रही हिंसा के बीच फंस गई थी. जहां भारतीय उच्चायोग की मदद से उन्हें भारत लाया गया.

बांग्लादेश में हिंसा के बीच लौटी भारतीय छात्रा सुनाई की हिंसा कहानी
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के थाना सिविल लाइंस इलाके की रहने वाली एक छात्रा बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करती है. आंचल सैनी बांग्लादेश में एमबीबीएस सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही थी. अचानक बांग्लादेश में हुई हिंसा के बाद वहां के हालात खराब होने पर छात्रा वहां फंस गई थी. आंचल सैनी ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि जब वहां इंटरनेट बंद हो गया था और हर तरफ से हिंसा की खबरें आ रही थी, तो एक बार तो उसे लगा ही नहीं कि वह वापस अपने देश पहुंच पाएंगी, लेकिन भारतीय उच्च आयोग के लोगों ने उससे संपर्क किया और उनकी पूरी मदद की और उन्हें वापस अपने देश आ गई. छात्रा ने बताया कि वह काफी खुश हैं और भारतीय उच्चायोग को धन्यवाद दे रही हैं. एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की है छात्रा थाना सिविल लाइंस इलाके के अगवानपुर की रहने वाली छात्रा आंचल सैनी ने बताया कि वह खुलना जीएमसी कॉलेज (गाजी मेडिकल कॉलेज) बांग्लादेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है और बांग्लादेश में इन दिनों हिंसा चल रही है. जब यह हिंसा चल रही थी, वह अपने कॉलेज के हॉस्टल में ही मौजूद थी. हिंसा के दौरान उसे हॉस्टल में ही बंद कर दिया गया था. उसे बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था. बाहर उपद्रव की मिल रही थी सूचना छात्रा ने बताया कि वह वहां कुछ देख नहीं पा रहे थी. बस वहां से जानकारी मिल रही थी कि बाहर लड़ाई चल रही है. छात्रा ने बताया कि उसके माता-पिता से भी कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था.  यहां नेटवर्क शट-डाउन कर दिए गए थे. वह बहुत चिंतित थी और अपने माता-पिता को याद कर रही थी. उसे सूचना मिल रही थी कि सब ठीक हो जाएगा. यहां बाहर बहुत समस्या चल रही थी. उपद्रव हो रहा था. फिर कुछ टाइम बाद बंगाली बच्चों से पता चला था कि बाहर लड़ाई चल रही है. भारतीय उच्चायोग ने की मदद छात्रा ने बताया कि हमारे सीनियर्स ने इंडियन गवर्नमेंट से बातचीत की और उन्होंने ही हमारी हेल्प की. जिनकी वजह से हम बाहर आए थे. उन्होंने कहा कि हमें बांग्लादेश से इंडिया तक लाने का इंडियन एंबेसी का अहम रोल रहा है. उसकी मदद से ही हम यहां तक पहुंच पाए हैं और मैं इंडियन एंबेसी का धन्यवाद अदा करना चाहती हूं. क्योंकि वहां पर इतनी लड़ाई चल रही है. उसके बावजूद भी इंडियन एंबेसी ने हमारी मदद की और उसकी मदद से हम यहां तक अपने घर तक पहुंच पाए हैं. माता-पिता को सता रही थी चिंता आंचल सैनी के पिता रामकिशन सैनी ने बताया कि उनकी बेटी गाजी मेडिकल कॉलेज बांग्लादेश से एमबीबीएस कर रही है.  इस समय बांग्लादेश के हालात ठीक नहीं है, तो ऐसे में उनकी बेटी वहां फंस गई थी. इसके साथ ही एक हफ्ते तक उनकी बेटी से कोई संपर्क नहीं हो पाया फिर हम पूरी तरह से डर गए थे. इसके बाद उन्होंने कोलकाता के एजेंट से संपर्क किया तो वह बार-बार यही कहते थे कि आपके बच्चे सुरक्षित हैं. पीएम मोदी का किया धन्यवाद रामकिशन सैनी ने बताया कि एजेंट ने बताया कि वहां कुछ ही दिन में सबकुछ नॉर्मल हो जाएंगा. हम उनसे बस यही कह रहे थे कि चाहे कुछ भी हो जाए. हमारे बच्चे को देश वापस भेज दो. फिर इंडियन एंबेसी के माध्यम से हमारे बच्चे बाहर निकल कर आए और हम तक पहुंच पाए हैं. हम बहुत खुश हैं और सरकार का और पीएम मोदी का धन्यवाद अदा करते हैं. Tags: Local18, Moradabad NewsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 09:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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