यहां महिलाओं को मिल रही पीरियड लीव फुल सैलरी के साथ इतने दिनों की छुट्टी
यहां महिलाओं को मिल रही पीरियड लीव फुल सैलरी के साथ इतने दिनों की छुट्टी
Menstrual Leave Policy: पीरियड या मासिक धर्म के दौरान कामकाजी महिलाओं के लिए छुट्टी का प्रावधान करने की मांग लंबे समय से उठ रही है. सिक्किम हाईकोर्ट ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है.
नई दिल्ली/इंफाल. महिला स्टाफ को पीरियड या मासिक धर्म के दौरान फुल सैलरी के साथ छुट्टी देने की व्यवस्था करने की मांग लंबे समय से उठ रही है. इस दिशा में सिक्किम हाईकोर्ट ने उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कदम उठाया है. हाईकोर्ट ने अपने महिला कर्मचारी को सवैतनिक मासिक धर्म अवकाश देने का ऐलान किया है. हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने इस बाबत नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. सिक्किम हाईकोर्ट रजिस्ट्री की ओर से जारी अधिसूचना में पीरियड लीव या मासिक धर्म अवकाश नीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है. इसमें इस अवकाश की सुविधा का लाभ उठाने के लिए नियम कायदे भी तय कर दिए गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने महिला कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति पेश की है. अधिसूचना के अनुसार, हाईकोर्ट की महिला स्टाफ हर महीने 2-3 दिनों की मासिक धर्म अवकाश का लाभ उठा सकती हैं. अधिसूचना में आगे कहा गया है कि मासिक धर्म अवकाश का लाभ उठाने के लिए हाईकोर्ट से अटैच मेडिकल स्टाफ से सिफारिश प्राप्त करना आवश्यक है. नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘हाईकोर्ट रजिस्ट्री में महिला कर्मचारी अब से महीने में 2-3 दिनों की मासिक धर्म की छुट्टी का लाभ उठा सकती हैं, बशर्ते वे पहले हाईकोर्ट से जुड़े चिकित्सा अधिकारी से संपर्क कर और ऐसी छुट्टी के लिए उनकी सिफारिश प्राप्त करें.’
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लीव अकाउंट से नहीं कटेगी छुट्टी
सिक्किम हाईकोर्ट की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मासिक धर्म अवकाश लेने पर महिला कर्मचारियों के लीव अकाउंट से पैसा नहीं काटा जाएगा. साथ ही इस छुट्टी को कर्मचारी के लीव अकाउंट में भी नहीं गिना जाएगा. सिक्किम हाईकोर्ट मासिक धर्म अवकाश नीति शुरू करने वाला भारत का पहला हाईकोर्ट है. भारत के सबसे छोटे हाईकोर्ट सिक्किम उच्च न्यायालय में तीन न्यायाधीश और एक महिला अधिकारी सहित नौ अधिकारियों का रजिस्ट्री स्टाफ शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
फरवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में महिला छात्रों और कर्मचारियों के लिए मासिक धर्म की छुट्टी का अनुरोध करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया था. इसमें कहा गया था कि ऐसे मामले न्यायिक अधिकार के बजाय नीतिगत क्षेत्र में आते हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से औपचारिक तौर पर अनुरोध करने की सलाह दी थी. बता दें कि एशिया के अन्य देश जैसे
इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया आदि में महिला कर्मचारियों के मासिक धर्म अवकाश की व्यवस्था है. ताइवान में भी महिला कर्मचारियों को इस तरह की सुविधा दी जाती है.
Tags: National News, Sikkim NewsFIRST PUBLISHED : June 1, 2024, 08:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed