सामना के जरिए शिवसेना का शिंदे गुट पर हमला- अब दिल्ली के सामने झुकने वालों के हाथों में चला गया महाराष्ट्र
सामना के जरिए शिवसेना का शिंदे गुट पर हमला- अब दिल्ली के सामने झुकने वालों के हाथों में चला गया महाराष्ट्र
सामना में लिखा है कि, शिंदे गुट ही असली शिवसेना है, ऐसा आभास कराया जा रहा है. शिंदे गट का उल्लेख देवेंद्र फडणवीस ‘शिवसेना’ के रूप में करते हैं. आपका उद्धव ठाकरे से व्यक्तिगत बैर है, इसे समझ सकते हैं. परंतु टूटे हुए गुट को शिवसेना कहकर संबोधित करना बालासाहेब ठाकरे के साथ बेईमानी है.
मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए बीजेपी व शिंदे गुट पर हमला बोला है. सामना में लिखा गया है, ‘महाराष्ट्र अब दिल्ली के सामने झुकने वालों के हाथों में चला गया है. शिंदे गुट ने बगावत हिंदुत्व के लिए नहीं, अपने स्वार्थ के लिए की. उद्धव ठाकरे दिल्ली के लिए चुनौती बन रहे थे, इसलिए शिवसेना को तोड़ा गया. शिंदे गुट को बीजेपी द्वारा ‘शिवसेना’ कहना, बालासाहेब ठाकरे के साथ बेईमानी है.’
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा है कि दिल्ली के बादशाह के दरबार में सिर नहीं झुकाना है, इस महज एक अभिमान के मुद्दे पर शिवछत्रपति ने भरे मुगल दरबार में प्राणों की परवाह किए बगैर मराठों की अस्मिता की दिव्य खोज का प्रदर्शन किया. उस दिल्ली के आज के दरबार में ‘हमारे महाराष्ट्र को ही नष्ट कर दो’ कहते हुए, मराठे ही शिष्टमंडल लेकर जा रहे हैं. शिवसेना से एक गुट दिल्ली ने तोड़ दिया.
सामना में लिखा है कि, शिंदे गुट ही असली शिवसेना है, ऐसा आभास कराया जा रहा है. शिंदे गट का उल्लेख देवेंद्र फडणवीस ‘शिवसेना’ के रूप में करते हैं. आपका उद्धव ठाकरे से व्यक्तिगत बैर है, इसे समझ सकते हैं. परंतु टूटे हुए गुट को शिवसेना कहकर संबोधित करना बालासाहेब ठाकरे के साथ बेईमानी है.
महाराष्ट्र का नेतृत्व स्वतंत्र हो, दिल्ली यह कभी स्वीकार नहीं
शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए बगावत करने वाले नेताओं पर कटाक्ष किया है. सामना में लिखा है, ‘व्यक्तिगत स्वार्थ, सत्ता की अभिलाषा से ग्रस्त मुट्ठीभर लोग. सत्ता के बिना मानों कोई देश सेवा ही नहीं, ऐसी व्याकुलता के साथ एक समूह की ओर भाग रहे हैं. इसका सर्वाधिक हर्ष भाजपा और वर्तमान दिल्ली दरबार को हो रहा है. मुगलों में सभी मराठे शामिल हो गए, ऐसा ही यह मामला है.’
कुछ बागी विधायकों पर तंज कसते हुए शिवसेना ने सामना में लिखा है, ‘हिंदुत्व के मुद्दे पर जो विधायक शिंदे गुट में गए हैं, उनमें से दीपक केसरकर, उदय सामंत तो पवार की ही पाठशाला से प्रमाणपत्र और लिविंग सर्टिफिकेट लेकर शिवेसना में आए. उन्हें राष्ट्रवाद से इतना द्वेष क्यों होना चाहिए? यहां नैतिकता का विषय नहीं है, बल्कि राजनीतिक स्वार्थ अधिक है. महाराष्ट्र का नेतृत्व स्वतंत्र रूप से बड़ा बने, इसे दिल्ली ने कभी स्वीकार नहीं किया. उनकी छाया व आश्रय में ही आप रहें, ऐसी उनकी अपेक्षा है.’
उद्धव ठाकरे की चुनौती के डर से शिवसेना में डाली गई फूट
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की हैसियत से राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कर सकते हैं. भविष्य में उनकी चुनौती खड़ी हो सकती है, इस भय से शिवसेना को तोड़ दिया व उद्धव ठाकरे के पैर खींचे, यही सच्चाई है. देवेंद्र फडणवीस के कद को छोटा करने के लिए दिल्ली ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया. शिवसेना तोड़ी जाए और महाराष्ट्र को कमजोर किया जाए, इस एक ही एजेंडे पर फिलहाल काम चल रहा है.’
सामना के जरिए शिवसेना ने उठाया बीएमसी चुनाव का मुद्दा
सामना में आगे लिखा है, ‘इस साजिश में खुद को बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक कहने वाले लोग शामिल हो गए. ये उचित नहीं है. शिंदे गुट की मदद से भाजपा को मुंबई पर से मराठी छाप मिटानी है. महापालिका पर शिवसेना का भगवा झंडा है, उसे उतारना है. शिंदे गुट को यह स्वीकार है क्या? महाराष्ट्र की राजनीति का पूरी तरह बंटाधार होता दिख रहा है. उसमें शिवसैनिक कहलवाने वाले शामिल हो गए हैं, इसका दुख अधिक है.’
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Tags: Eknath Shinde, Saamna, Shiv senaFIRST PUBLISHED : July 17, 2022, 07:38 IST