फूलगोभी जैसे दिखने वाली ये सब्जी किसानों को बना देगी मालामाल

पुनीत कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि उत्तरी भारत में ब्रोकली की खेती करने के लिए सितंबर और नवंबर का महीना बेहद ही उपयुक्त होता है. किसान सितंबर के महीने में ब्रोकली की पौध डाल दें. यह पौध 4 से 6 सप्ताह में तैयार हो जाती है. तैयार पौध को खेत में रोपा जा सकता है.

फूलगोभी जैसे दिखने वाली ये सब्जी किसानों को बना देगी मालामाल
शाहजहांपुर: वैसे तो ब्रोकली गोभी की ही एक प्रजाति है, लेकिन इसमें गोभी से ज़्यादा मात्रा में फ़ाइबर और विटामिन पाए जाते हैं. जहां ब्रोकली का स्वाद थोड़ा तीखा होता है वहीं गोभी का स्वाद सिंपल होता है. हालांकि, ब्रोकली पकने में काफी कम समय लेती है, और फूलगोभी को बनाने के लिए समय थोड़ा ज्यादा लगता है. ब्रोकली की खेती किसानों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है. ब्रोकली की बाजार में अच्छी मांग होती है, खासकर शहरी इलाकों में, इसकी कीमत अन्य सब्जियों के मुकाबले अधिक होती है, जिससे किसानों को अच्छी आय हो सकती है. ब्रोकली की फसल दूसरी सब्जियों की फसल के मुकाबले कम समय में तैयार हो जाती है. ब्रोकली को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. ब्रोकली की कई ऐसी किस्में हैं, जिनमें से किसान अपनी जलवायु और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त किस्म चुन सकते हैं. ब्रोकली की फसल लगाने के लिए किसान पहले पौध तैयार करें, पौध से लगाई हुई फसल जल्द तैयार हो जाती है. फूलगोभी और पत्ता गोभी के परिवार से ब्रोकली जिला उद्यान अधिकारी पुनीत कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि ब्रोकली एक हरी सब्जी है जो फूलगोभी और पत्ता गोभी के परिवार से संबंधित है. इसका फूल, तना और पत्तियां खाने योग्य होती हैं, इसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है. ब्रोकली को अक्सर सलाद, सूप और अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है.ब्रोकली पोषक तत्वों से भरपूर होती है. ब्रोकली विटामिन सी, विटामिन K, फोलेट और फाइबर से भरपूर होती है. किसान ब्रोकली की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ध्यान रखें कि किसान अच्छी किस्म का चयन करें. उद्यान अधिकारी ने बताया कि चौधरी श्रवण कुमार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिमाचल की किस्म हर्तिका और पूसा ब्रोकली-1 किसानों के लिए बेहद ही उपयोगी हो सकती हैं. यह दोनों ही किस्म किसानों को अच्छा उत्पादन देती हैं. सितंबर में करें ब्रोकली की खेती पुनीत कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि उत्तरी भारत में ब्रोकली की खेती करने के लिए सितंबर और नवंबर का महीना बेहद ही उपयुक्त होता है. किसान सितंबर के महीने में ब्रोकली की पौध डाल दें. यह पौध 4 से 6 सप्ताह में तैयार हो जाती है. तैयार पौध को खेत में रोपा जा सकता है. एक हेक्टेयर के लिए 400 ग्राम बीज काफी पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि पौध तैयार करने के लिए खेत की गहरी जुताई कर उसको समतल कर लें. पौध डालने से पहले मृदा शोधन करना भी बेहद जरूरी है. इसके अलावा किसान ब्रोकली की एक हेक्टेयर फसल लगाने के 400 ग्राम बीज डाल दें. किसान अगर इस पौध को पॉलीहाउस में तैयार करते हैं तो पौधा स्वस्थ और रोग रहित होगी. जिससे किसानों को एक अच्छी फसल और अच्छा उत्पादन मिलेगा. कैसे करें पौध की रोपाई? पुनीत कुमार पाठक ने लोकल 18 को बताया कि ब्रोकली की खेती करने के खेत की जल निकासी बेहतर होनी चाहिए. जब पौधे 4 से 6 सप्ताह की और जब पौधे 4 से 5 पत्तियों वाले हो जाएं, तब उन्हें खेत में रोप सकते हैं. खेत को अच्छी तरह से जुताई करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और खरपतवार निकाल दें. खेत में अच्छी गुणवत्ता वाली खाद मिलाएं. गोबर की खाद सबसे अच्छी मानी जाती है. रोपाई से पहले खेत को अच्छी तरह से सिंचित करें. पौध लगाते समय लाइन से लाइन की दूरी 45 से 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30 से 45 सेमी रखें. पौधे को गड्ढे में लगाएं और मिट्टी को अच्छी तरह से दबाएं. समय समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें. खरपतवारों को नियमित रूप से निकालते रहें. कीटों से बचाव के लिए उचित कीटनाशकों का उपयोग करें. बीमारियों से बचाव के लिए उचित फफूंदनाशकों का उपयोग करें. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 17:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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