नफरत की आग में जल्लाद ट्रेन में 3 मुस्लिमों की हत्या अब मांग रहा जिंदगी

नफरत में इंसान कितना गिर सकता है. इसका उदाहरण बीते साल 31 जुलाई को घटी घटना है. एक आरपीएफ जवान ने चलती ट्रेन में इस नफरत में तीन मुस्लिम यात्रियों और अपने सीनियर की हत्या कर दी थी. आज वही जवान अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा है.

नफरत की आग में जल्लाद ट्रेन में 3 मुस्लिमों की हत्या अब मांग रहा जिंदगी
ठीक एक साल पहले 31 जुलाई 2023 को आपने एक खबर सुनी या पढ़ी होगी. नफरत की आग में जलते एक आरपीएफ जवान ने जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में तीन मुस्लिम लोगों को अपनी सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर हत्या कर दी थी. अब तक एक साल बीत चुका है. आप भी इस खबर को भूल गए होंगे. ऐसे में आपको लगता होगा कि हम इसकी चर्चा आज क्यों कर रहे हैं? इस घटना का मुख्य आरोपी आरपीएफ जवान चेतनसिंह चौधरी था. वह अब सेवा से बर्खास्त हो चुका है. जेल में है. उस पर नफरत का भूत इस कदर सवार था कि उसने अपने सीनियर सब-इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा और तीन मुस्लिम यात्रियों अब्दुल कादर मोहम्मद हुसैन, सैय्यद सैफुद्दीन और असगर अब्बास शेख की गोली मारकर हत्या कर दी. टीकाराम उसको ऐसा करने से रोक रहे थे. लेकिन, वह नहीं माना और उनको ही गोली मार दी. इस घटना की हर तरफ आलोचना हुई. मुंबई पुलिस ने इस मामले में तेजी से जांच करने की बात कही थी. सरकार ने फास्ट ट्रैक अदालत गठित करने की बात कही. लेकिन, जैसा कि हम सभी जानते हैं. ये भारत की पुलिस और भारत की न्याय व्यवस्था है. आज तक इस मामले में सरकार ने स्पेशल प्रोसेक्यूटर तक की नियुक्ति नहीं की है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि पुलिस उनको इस केस के बारे में कोई जानकारी नहीं देती. चार नहीं पांच परिवार हुए बर्बाद इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने इस दर्दनाक घटना के एक साल पूरा होने पर पीड़ित परिवारों के साथ-साथ आरोपी के परिवार से बात की है. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने अक्टूबर 2023 में इस केस में 1097 पेज का चार्जशीट दाखिल कर दिया उसमें 39 गवाहों के बयान हैं. इसके बाद से अभी तक इस केस की सुनवाई शुरू नहीं हुई है. चौधरी की नफरत ने मारे गए यात्रियों और उसके सीनियर टीकाराम मीणा के परिवार को तो तबाह कर ही दिया. लेकिन, इस नफरत की आग में वह खुद भी तबाह हो गया. मां बोलीं- मांगता है जिंदगी की भीख इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चौधरी की मां राजेंद्रीदेवी कहती हैं- उनके बेटे ने एक घिनौना पाप किया जिसकी कीमत अब हम परिवार वाले चुका रहे हैं. उसने चार लोगों की हत्या कर दी. उसने अपने स्वर्गीय पिता की इज्जत और नाम मिट्टी में मिला दी. हमें पता नहीं था कि उसके अंदर इतनी नफरत भरी थी. इसके बजाय वह मेरी हत्या कर देता. उन्होंने आगे कहा कि हमारी इस बर्बादी में उसके सीनियर अफसरों का भी दोष है. अगर उनके बेटे के अंदर इस तरह का नफरत पनप रहा था तो सीनियर अधिकारियों को उसके हाथ में हथियार नहीं देने चाहिए थे. उन्होंने आगे कहा कि वह और उनकी बेटी जेल में चौधरी से मिलने गई थी. वह अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा था. वह हमसे जेल से बाहर निकालने को कह रहा था. वह चिल्ला रहा था- मुझे बाहर निकालो… मुझे बाहर निकालो… Tags: CRPF Jawan DeathFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 16:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed