Sariska Tiger Reserve: सर्दी में बढ़ जाता है सरिस्का में बाघों पर खतरा जानें वजह

Sariska Tiger Reserve: जैसे-जैसे मौसम का पारा गिरता है, वैसे-वैसे सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों एवं अन्य वन्यजीवों पर खतरा बढ़ता जाता है. दरअसल इस दौरान शिकार के मामले बढ़ जाते हैं. हालांकि इस बार सरिस्का प्रशासन ने सुरक्षा व्‍यवस्‍था के खास इंतजाम किए हैं.

Sariska Tiger Reserve: सर्दी में बढ़ जाता है सरिस्का में बाघों पर खतरा जानें वजह
रिपोर्ट: पीयूष पाठक अलवर. मौसम का पारा जैसे-जैसे गिरता है, वैसे-वैसे सरिस्का बाघ परियोजना में बाघों एवं अन्य वन्यजीवों पर खतरा बढ़ता जाता है. सर्दी में सरिस्का का जंगल शिकारियों के निशाने पर रहता है और शिकार के मामले भी बढ़ जाते हैं. दरअसल कोहरे और सर्दी का लाभ उठाकर शिकारी रात के समय जंगल में प्रवेश कर जाते हैं और वन्यजीवों के शिकार को अंजाम देते हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की ओर से शिकार को रोकने के लिए रात के समय गश्त बढ़ा दी गई है. साथ ही जंगल में प्रवेश के सभी अवैध रास्तों को बंद किया गया है. वहीं,जिन क्षेत्रों से शिकार के मामले सामने आते रहे हैं, उन जगहों को चिन्हित करने का काम भी किया गया है. करीब 1213 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का का जंगल घना और खूबसूरत है. वहीं, जंगल के बीचोंबीच अलवर-जयपुर सड़क मार्ग गुजरता है. लिहाजा यहां लोगों की आवाजाही बनी रहती है. साथ ही सरिस्का के कोर एरिया में अभी भी गांव बसे हुए हैं. गांव के लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए शहर जाते हैं. ऐसे में सरिस्का के जंगल में लोगों की आवाजाही बनी रहती है. इसका सीधा असर वन्यजीवों पर पड़ता है और शिकार का खतरा बढ़ जाता है. पहले भी हो चुकी शिकार की कई घटनाएं सरिस्का के जंगल में शिकारियों की घुसपैठ की घटनाएं पूर्व में भी कई बार सामने आ चुकी हैं. शिकारियों के कारण ही वर्ष 2005 में सरिस्का को बाघ विहीन घोषित करना पड़ा था. उस दौरान बाघों के शिकार की घटनाएं भी उजागर हुई थीं और कुख्यात शिकारी कल्या बावरिया को पकड़ा भी गया था. सरिस्का में बाघ, पैंथर के अलावा नीलगाय, जंगली सूअर, तीतर, हिरण और बारहसिंघा बहुतायत में है. पूर्व में इनके शिकार के मामले भी सामने आते रहे हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की तरफ से शिकार की घटनाओं को रोकने के लिए रात के समय गश्त की व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं. बता दें कि सरिस्का में तीन तरह की गश्त की व्यवस्था है. जंगल क्षेत्र में अभी करीब 400 कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा करीब 300 कैमरे और लगाए जाएंगे, जिससे फेस टू फेस वन्यजीवों की मॉनिटरिंग संभव होगी. साथ ही प्रत्येक बाघ पर वनकर्मियों की नजर बनी रहेगी. रात के समय तीन फेज में मॉनिटरिंग व्यवस्था रहती है. इसके अलावा जंगल से बाहर की तरफ आने जाने वाले सभी रास्तों पर भी वन्यजीवों पर निगरानी की विशेष व्यवस्था रहती है. सरिस्का के डीएफओ ने कही ये बात सरिस्का के डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि सर्दी के मौसम में शिकार की संभावनाओं को देखते हुए पूरा एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इस पर काम चल रहा है. सरिस्का को शिकार विहीन बनाने के लिए प्रयास जारी है. जंगल क्षेत्र में बसे गांव के लोगों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Alwar News, Rajasthan news, Wildlife, Wildlife departmentFIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 14:36 IST