छात्र के लिए छोड़ दिया बैंक का पेपर निभाया शिक्षक का फर्ज अब हर जगह चर्चा

Saharanpur News: प्रदीप शर्मा ने अपनी नौकरी के लिए भी एग्जाम देने की तैयारी की. लेकिन, जब प्रदीप शर्मा बैंक का एग्जाम देने के लिए जा रहे थे. तभी उनके एक होनहार स्टूडेंट का फोन आया, जिसका अगले ही दिन इनकम टैक्स का एग्जाम था.फिर क्या प्रदीप ने अपनी परीक्षा छोड़कर उस छात्र की समस्या सुलझाने पहुंच गए.

छात्र के लिए छोड़ दिया बैंक का पेपर निभाया शिक्षक का फर्ज अब हर जगह चर्चा
अंकुर सैनी /सहारनपुर: क्या आप किसी दूसरे के लिए अपना करियर दांव पर लगा सकते हैं? हम क्या, कोई और भी इतना बड़ा रिस्क लेने को तैयार नहीं होगा. क्योंकि, आज के जमाने ऐसा करने वाले बेहद कम होंगे. लेकिन, आज हम सहारनपुर के एक शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आपको भी उस पर गर्व होगा. ये किस्सा सहारनपुर के लेबर कॉलोनी में रहने वाले शिक्षक प्रदीप शर्मा का है. पेशे से प्रदीप बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं. अब तक इन्होंने लगभग 10 हजार बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया, जिनमें से सैकड़ो बच्चे रेलवे, बैंक,सीए, इंस्पेक्टर, एसडीम, कमिश्नर, इनकम टैक्स आदि पोस्टों पर तैनात हैं. इन्होंने अपनी 12वीं तक की शिक्षा कॉमर्स से जेवी जैन इंटर कॉलेज से की. इसके बाद प्रदीप शर्मा ने जैन डिग्री कॉलेज से B.COM, B.ED, M.A किया. छात्र की परीक्षा के लिए छोड़ा बैंक का पेपर प्रदीप शर्मा ने अपनी नौकरी के लिए भी एग्जाम देने की तैयारी की. लेकिन, जब प्रदीप शर्मा बैंक का एग्जाम देने के लिए जा रहे थे. तभी उनके एक होनहार स्टूडेंट का फोन आया, जिसका अगले ही दिन इनकम टैक्स का एग्जाम था.फिर क्या प्रदीप ने अपनी परीक्षा छोड़कर उस छात्र की समस्या सुलझाने पहुंच गए. उन्होंने हमेशा अपनी पढ़ाई और नौकरी से ज्यादा अपने स्टूडेंट को अहमियत दी. यही कारण है कि प्रदीप शर्मा के होनहार स्टूडेंट जब अधिकारी बनकर उनके सामने पहुंचते हैं, तो उनका बड़ा गर्व होता है. आज तक बच्चों से नहीं ली फीस उनका कहना है कि शायद इसी काम के लिए भगवान ने उनको यहां पर भेजा था. वह अपनी इस जिंदगी से काफी खुश हैं. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने कभी बच्चों से फीस नहीं मांगी, बच्चों के मन में होता है तो फीस दे देते हैं. नहीं तो कभी उन्होंने किसी भी तरह की फीस की डिमांड नहीं की. बच्चों ने बताई प्रदीप शर्मा की सच्चाई प्रदीप शर्मा के पास ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि उनके माता-पिता भी प्रदीप शर्मा से ही ट्यूशन पढ़ने आते थे. आज उनके माता-पिता उनको प्रदीप शर्मा के पास ही ट्यूशन पढ़ने भेजते हैं. लेकिन, प्रदीप शर्मा ने उनसे कभी भी फीस की डिमांड नहीं की. यहां तक की किताबें नहीं होने पर प्रदीप शर्मा अपने पास से बच्चों को किताबें उपलब्ध कराते हैं. प्रदीप शर्मा का कहना है कि उनको शुरू से ही बच्चों को पढ़ाना अच्छा लगता है. आज भी जो बच्चा पढ़ने के लिए आता है, उसको मना नहीं करते है. प्रदीप शर्मा  के घर का खर्च उनकी पत्नी के द्वारा चलाए जा रहे छोटे से स्कूल से चलता है. Tags: Local18, Saharanpur news, UP newsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 17:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed