नेत्रहीन बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रही यह संस्था बच्चे हो रहे आत्मनिर्भर

Saharanpur News: यूपी के सहारनपुर के संजय शर्मा दिव्यांग बच्चों की जिंदगी में रोशनी की किरण बनकर आए हैं. उन्होंने जमीन खरीदकर एक स्कूल खोल रखा है. जहां वह दिव्यांग बच्चों को फ्री में शिक्षा देते हैं.

नेत्रहीन बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रही यह संस्था बच्चे हो रहे आत्मनिर्भर
अंकुर सैनी/सहारनपुर: ‘किसी दिन होगी रोशन मेरी भी जिंदगी, इंतजार सुबह का नहीं किसी के आने का है’ यह लाइनें उन नेत्रहीन बच्चों पर सटीक बैठती हैं, जिनकी जिंदगी में रोशनी की एक किरण लेकर सहारनपुर के संजय शर्मा आए हैं. हम बात कर रहे हैं सहारनपुर के नेत्रहीन एवं विकलांग कल्याण शिक्षण संस्थान की. जिसको पिछले लगभग 12 साल से संजय शर्मा चला रहे हैं. बच्चों के दे रहे निःशुल्क शिक्षा संजय शर्मा को शुरू से ही नेत्रहीन विकलांग बच्चों की मदद करना अच्छा लगता था. वह दूसरों की संस्थाओं में जाकर बच्चों की मदद किया करते थे, फिर उन्होंने सोचा कि क्यों ना अपनी ही एक ऐसी संस्था बना ली जाए, जिसमें नेत्रहीन और विकलांग बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दी जाए और उनकी जिंदगी में रोशनी भर दी जाए. जमीन खरीदकर बनाया स्कूल संजय शर्मा ने अपने पैसे से जमीन खरीदी और उसमें एक छोटा सा स्कूल बनाया. अपनी संस्था का रजिस्टर्ड कराया और जिस परिवार में ऐसे बच्चे होते थे. उन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देनी शुरू कर दी. संजय शर्मा का कहना है कि अगर किसी की मदद करनी हो तो उन लोगों की करो जिनकी जिंदगी में अंधकार है और आपकी वजह से रोशनी आ जाए. संस्था ने नेत्रहीन बच्चों की बदल दी जिंदगी संजय शर्मा बताते हैं कि नेत्रहीन एवं विकलांग कल्याण संस्थान का पूरा खर्च लोगों द्वारा दिए जा रहे दान से चलता है. बच्चों को ब्रेल लिपि के द्वारा पढ़ाई, संगीत, गायन, कंप्यूटर व अन्य तरह के कोर्स कराए जाते हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक सरकार की तरफ से उनको बच्चों के लिए किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं दी गई. 17 से 18 बच्चे बैंक, रेलवे, स्टॉफ सिलेक्शन कमिशन अन्य जगह पर काम कर रहे हैं. उनका मकसद ऐसे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है. संस्थान में बच्चों का खाना, पीना, रहना, पढ़ाई करना सब फ्री है. फिलहाल संस्थान में 15 बच्चे और 3 टीचर रहते हैं. नेत्रहीन एवं विकलांग बच्चों की जुबानी नेत्रहीन एवं विकलांग बच्चों ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि संजय शर्मा उनकी जिंदगी में एक रोशनी बनकर आए. उनकी जिंदगी में आने से उनको अब अपनी जिंदगी बोझ नहीं लगती. बल्कि जीने में मजा आता है. वह अपनी इस जिंदगी से भी काफी खुश हैं. Tags: Local18, Saharanpur newsFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 13:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed