इस खूबसूरत फूल की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई

भारत वीर सिंह 2015 में बैंक से रिटायर होने के बाद लगातार पांच बीघे में गुलदावदी वैरायटी के फूल की खेती कर रहे हैं. इससे भारत वीर सिंह को अच्छी-खासी आमदनी भी हो रही है. उन्होंने बताया कि सहारनपुर से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड में फूल की सप्लाई होती है. उन्होंने बताया कि हर साल डेढ़ से दो लाख पौधे तैयार कर लेते हैं.

इस खूबसूरत फूल की करें खेती कम लागत में होगी तगड़ी कमाई
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जिला अलग-अलग तरह के फसलों की खेती के लिए प्रसिद्ध है. यहां खेती के प्रति लोगों में रूझान भी बढ़ा है. यही वजह है कि बैंक के रिटायर होने के बाद सहारनपुर के झबीरन गांव के रहने वाले भारत वीर सिंह ने फूल की खेती शुरू की है. भारत वीर सिंह 2015 में बैंक से रिटायर होने के बाद लगातार पांच बीघे में गुलदावदी वैरायटी के फूल की खेती कर रहे हैं. इससे भारत वीर सिंह को अच्छी-खासी आमदनी भी हो रही है. सहारनपुर से देश के कई राज्यों में होती है सप्लाई भारत वीर सिंह ने बताया कि गुलदावदी फूल का इस्तेमाल शादी के मंडप से लेकर घरों को सजाने में किया जाता है. इस फूल की डिमांड की बात की जाए तो मार्केट में काफी अधिक है. कई राज्यों में सहारनपुर के इस फूल की सप्लाई की जाती है. किसान भारत वीर सिंह ने बताया कि खेत में कई हजार पौधे लगाए हैं औी जल्द ही फूल आने वाले हैं. उन्होंने बताया कि सहारनपुर से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड में फूल की सप्लाई होती है. इन राज्यों में फूल की अच्छी डिमांड है. उन्होंने बताया कि अन्य किसान भी इस तरह की खेती कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते है. गुलदावदी सफेद, लाल, गुलाबी, पीला, क्रीम, हल्का हरा इत्यादि रंगों का होता है. गुलदावदी को कट एवं लूज फ्लावर, अलंकृत बगीचों की क्यारियों एवं गमलों में सजावट के लिए उगाया जाता है. गुलदावदी फूल के पौधे को लगाने का सही समय किसान भारत वीर सिंह ने बताया कि धरती पर जैसे ही सावन की बूंदें पड़ती है, पेड़-पौधों में हरियाली छा जाती है. यही वह सीजन होता है जब आप अपनी बगिया को अच्छी तरह से संवार सकते हैं और उसमें विभिन्न प्रकार के फूल-पौधे लगा सकते हैं. वही पौधों में वर्मी कंपोस्ट खाद डाला जाता है. साथ ही नारियल के बुरादे को भी पौधे तैयार करने में इस्तेमाल किया जाता है. जिससे उसमें फंगस नहीं लगाता है. उन्होंने बताया कि हर साल डेढ़ से दो लाख पौधे तैयार कर लेते हैं. इसमें जनवरी से फूल आना शुरू हो जाता है अप्रैल तक फूल आते रहता है. Tags: Agriculture, Local18, Saharanpur news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 19:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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