यहां फ्री में मिलता है लोगों को खाना रोजाना खाते हैं सैकड़ों लोग

प्रभु जी की रसोई में बनने वाले खाने में लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जबकि प्रभु जी की रसोई लोगों के सहयोग से चलती है. कोई प्रभु जी की रसोई में जन्मदिन के अवसर पर खाना खिलाने पहुंचता है, तो कोई अपनी वैवाहिक वर्षगांठ पर. तो कोई राष्ट्रीय व धार्मिक उत्सव पर भूखों को खाना खिलाने पहुंचते हैं.

यहां फ्री में मिलता है लोगों को खाना रोजाना खाते हैं सैकड़ों लोग
सहारनपुर: दुख का दरिया शर्म का समंदर होता है, सबसे खौफनाक तो बस भूख का मंजर होता है. यह लाइनें उन गरीबों पर सटीक बैठती है, जो भूखे पेट ही सो जाते हैं. सहारनपुर जनपद में 9 अगस्त 2017 के तत्कालीन कमिश्नर दीपक अग्रवाल गरीबों को एक ऐसी सौगात दे गए, जिसकी हर कोई तारीफ करता है. जी हां हम बात कर रहे हैं सहारनपुर के रेलवे स्टेशन स्थित प्रभु जी की रसोई की, जहां पर पिछले लगभग 7 सालों से निरंतर भूखे लोगों को खाना खिलाया जा रहा है. इसकी शुरुआत 9 अगस्त 2017 को तत्कालीन कमिश्नर दीपक अग्रवाल के द्वारा की गई थी. कमिश्नर की इस पहल में शहर के नामचीन व्यापारियों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई और उनकी इस मुहिम को आगे बढ़ाया. कमिश्नर दीपक अग्रवाल का तो कुछ समय बाद सहारनपुर से ट्रांसफर हो गया था, लेकिन उनकी इस मुहिम को आज भी प्रभु जी की रसोई से जुड़े 111 सदस्य निरंतर चला रहे हैं. प्रभु जी की रसोई में नगर निगम की भी अहम भूमिका है. निगम ने प्रभु जी की रसोई को चलाने के लिए जगह और बिजली दी हुई है. प्रभु जी की रसोई में मुख्य संरक्षक के रूप में मंडलायुक्त, संरक्षक के रूप में पुलिस उपमहानिरीक्षक, अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी जबकि उपाध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, नगर आयुक्त और संयोजक सिटी मजिस्ट्रेट, कोषाध्यक्ष मुख्य कोषाधिकारी जबकि सचिव शीतल टंडन हैं.  प्रभु जी की रसोई में गरीबों को परोसा जाने वाला भोजन शुद्धता और साफ सफाई का ध्यान रखते हुए तैयार किया जाता है. खाना बनने के बाद सबसे पहले प्रभु जी को भोग लगाया जाता है, उसके बाद खाने को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है. प्रभु जी की रसोई में रोजाना 400 से 500 लोग निशुल्क खाना खाते हैं. खाने का मेनू कार्ड प्रभु जी की रसोई में प्रत्येक दिन अलग-अलग तरह का खाना बनाया जाता है, जिसमें 1- आलू पूरी, 2- दाल, चावल, 3- हलवा पूरी, 4-कढ़ी चावल,  5-छोले चावल, 6- राजमा- चावल 7 – तहरी अन्य तरह की डिस परोसी जाती है. प्रभु जी की रसोई में बनने वाले खाने में लहसुन प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जबकि प्रभु जी की रसोई लोगों के सहयोग से चलती है. कोई प्रभु जी की रसोई में जन्मदिन के अवसर पर खाना खिलाने पहुंचता है, तो कोई अपनी वैवाहिक वर्षगांठ पर. तो कोई राष्ट्रीय व धार्मिक उत्सव पर भूखों को खाना खिलाने पहुंचते हैं. कोरोना काल में भी प्रभु जी की रसोई निरंतर चलती रही. पिछले लगभग 7 साल से कोई भी दिन ऐसा नहीं गया जब प्रभु जी की रसोई में खाना नहीं बना. निरंतर गरीबों को निशुल्क खाना प्रभु जी की रसोई के द्वारा दिया जा रहा है. Tags: Food 18, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 10:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed