थोक महंगाई ने दिया झटका! महीने भर में हुई दोगुनी सब्जियों ने बिगाड़ा बजट
थोक महंगाई ने दिया झटका! महीने भर में हुई दोगुनी सब्जियों ने बिगाड़ा बजट
Wholesale Inflation : खुदरा महंगाई ने जहां मई में राहत दी है, वहीं थोक मूल्य आधारित महंगाई दर ने बड़ा झटका दे दिया है. मई में डब्ल्यूपीआई की दर महीनेभर के भीतर ही दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ गई है.
हाइलाइट्स थोक महंगाई मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी. खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ी, जो अप्रैल में 7.74 प्रतिशत थी.
नई दिल्ली. खुदरा महंगाई की दर देखकर जहां आम आदमी और सरकार को राहत महसूस हुई थी, वहीं थोक महंगाई ने बड़ा झटका दे दिया है. मई में थोक मूल्य आधारित महंगाई दर सूचकांक (WPI) महीनेभर के अंदर दोगुना हो गया है. यह लगातार तीसरा महीना भी है, जब थोक महंगाई की दर में बढ़ोतरी देखी गई है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण थोक महंगाई मई में लगातार तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत हो गई है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी, जबकि मई 2023 में यह शून्य से 3.61 प्रतिशत नीचे रही थी.
ये भी पढ़ें – एक निवेश पर 4 रिटर्न! तभी तो हर साल दिया 21 फीसदी से ज्यादा ब्याज, 1 लाख को बना दिया 65 लाख रुपया
किन उत्पादों ने बढ़ाया खर्च
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, मई 2024 में मुद्रास्फीति बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के विनिर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही है. आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी.
सब्जियों ने बिगाड़ा जायका
मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी. प्याज की महंगाई दर 58.05 प्रतिशत, जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत रही है. इसके अलावा दालों की महंगाई दर भी मई में 21.95 प्रतिशत रही. ईंधन एवं बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल के 1.38 प्रतिशत से मामूली कम है. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 0.78 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में शून्य से 0.42 प्रतिशत नीचे थी.
खुदरा महंगाई ने दी थी राहत
थोक मूल्य सूचकांक में मई में वृद्धि इसी महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई जो एक साल का सबसे निचला स्तर है. हालांकि, राहत की बात ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. आपको बता दें कि आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को यथावत रखने का फैसला किया था.
Tags: Business news, Onion new rate, Potato expensive, Vegetable pricesFIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 12:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed