क्या ये एलियन की छवि है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भेजी तस्वीर कहती है कुछ और

Photo sent by ISS goes viral: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जो देखने में विचित्र आभास देता है. क्या ये एलियन्स के हाथों या किसी और तरह की गतिविधि की छवि है? आईएसएस ने यह वीडियो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर की पॉजिशनिंग से बनाया है...

क्या ये एलियन की छवि है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भेजी तस्वीर कहती है कुछ और
International Space Station news: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है जो देखने में विचित्र आभास देता है. पहली नजर में यह किन्हीं तरंगों की तरह दिखता है और ऐसा लगता है कि हरी रोशनी से अगल बगल से हरी चिनगारी निकल रही हों. क्या ये एलियन्स के हाथों या किसी और तरह की गतिविधि की छवि है? तो इसका जवाब है नहीं. ये एलियन से जुड़ी कोई चीज नहीं है बल्कि ये ऑरोरो बोरेलिस है जो धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के पास देखी जाती हैं. आईएसएस ने यह वीडियो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर की पॉजिशनिंग से बनाया है. ऑरोरा बोरेलिस को उत्तरी रोशनी के रूप में भी जाना जाता है, पृथ्वी से देखी गई सबसे जादुई प्राकृतिक घटनाओं में से एक है. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) ने एक वीडियो साझा कर पृथ्वी की सतह को कवर करते हुए हरे रंग का अरोरा दिखाया है. आपको याद आ गई होगी नॉर्वे की वे हरी रोशनी जिसे देखने लोग नॉर्वे की कड़कड़ाती सर्दियों में वहां पहुंचते हैं. नवंबर से फरवरी तक उत्तरी लाइट्स को देखने के लिए टूरिस्ट वहां जाते हैं क्योंकि इस समय रातें सबसे लंबी होती हैं. लोग अक्सर फिल्मों और इंटरनेट पर दिखाई देने वाली इन हैरतअंगेज रंगीन रोशनी को देखने के लिए आर्कटिक क्षेत्र के दूर-दराज के देशों की यात्रा करते हैं. रोशनी ऐसी दिखती है जैसे हरा कोहरा धरती को ढक रहा हो या कोई छाया हो जो अनजानी मगर खूबसूरत है, साथ ही सहमा भी देती है! यह टाइम-लैप्स वीडियो आईएसएस से लिया गया था, जो अपनी धरती से 250 मील (400 किलोमीटर) ऊपर स्थित है. कैप्शन में आईएसएस ने लिखा है कि उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के पास जमीन से अक्सर देखा जाने वाला, ऑर्बिटरी प्रयोगशाला का बेहद खूबसूरत बिंदु यह मौका देता है कि इसे देख सकें…. वीडियो को अब तक 35 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. वैसे नासा अर्थ ने वीडियो पर टिप्पणी की है कि ये दृश्य कभी पुराने नहीं होते. एक यूजर ने तो यह लिखा कि वास्तव में प्रकृति में देखने लायक सबसे सुंदर, आश्चर्यचकित कर देने वाली एक बेहद खास बात. ऑरोरा बोरेलिस बनती कैसे है… ऑरोरा बोरेलिस तब दिखती है जब सौर तूफानों के कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को पार करते हैं. वे तब उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों तक पहुंच जाते हैं. सौर तूफान के कण पृथ्वी के वायुमंडल में गैसों के साथ कॉन्टेट में आते हैं और रोशनी पैदा करते हैं. जब वे ऑक्सीजन के साथ संपर्क करते हैं, तो हरी और लाल रोशनी उत्पन्न होती है. जब सौर तूफान के कण नाइट्रोजन के साथ मिलते हैं तो वे नीली और बैंगनी चमक छोड़ते हैं. सौर तूफान की ताकत के आधार पर रोशनी कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रह सकती है. पृथ्वी एकमात्र ग्रह नहीं है जहां अरोरा बोरेलिस दिखाई देती है. कोई भी ग्रह जिसके पास वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र है, सौर तूफान कणों के साथ आपसे में कॉन्टेक्ट में आने के बाद अरोरा बोरेलिस दिखा सकता है. Tags: ALIENS, International Space Station, Nasa study, Science newsFIRST PUBLISHED : July 6, 2024, 13:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed