IIT NIT नहीं यहां से की पढ़ाई तीसरे प्रयास में UPSC क्रैक करके ऐसे बनें IAS
IIT NIT नहीं यहां से की पढ़ाई तीसरे प्रयास में UPSC क्रैक करके ऐसे बनें IAS
UPSC IAS Success Story: दृढ़ता और कड़ी मेहनत के साथ एक सही दिशा में काम किया जाए, तो सफल होने से उसे कोई नहीं रोक सकता है. ऐसी ही कहानी एक IAS Officer की है, जो इस वाक्य को सच कर दिखाया है.
UPSC Success Story: अगर कुछ करने की ठान लो और उसी डायरेक्शन में काम किया जाए, तो सफलता निश्चित मिलती है. इसे सच साबित एक IAS Officer ने की है. वह अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनका जीवन चुनौतीपूर्ण रहा है. चुनौतियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ और अडिग रहे. दृढ़ता और कड़ी मेहनत के जरिए उन्होंने UPSC की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं और वह ऑल इंडिया रैंक 92 हासिल की. हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उनका नाम वीर प्रताप सिंह राघव (Veer Pratap Singh Raghav) है.
पढ़ाई के प्रति जूनुनी
वीर प्रताप सिंह राघव उत्तर प्रदेश के दलपतपुर गांव से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपने तीसरे प्रयास में 92वां स्थान प्राप्त करके इतिहास रच दिया है. वीर प्रताप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा के लिए करौरा में आर्य समाज स्कूल और छठी कक्षा से शुरू होने वाली माध्यमिक शिक्षा के लिए शिकारपुर में सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षा प्राप्त की. उन्हें अपने घर से प्राथमिक विद्यालय तक पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था. वह पढ़ाई करने के लिए हर दिन 10 किलोमीटर की यात्रा करते थे. जब गाँव में कोई पुल नहीं था, तो वह जहां जाना होता था, वहां जाने के लिए नदी पार करते थे.
AMU से की बीटेक की पढ़ाई
IAS वीर प्रताप (Veer Pratap Singh Raghav) तमिलनाडु कैडर के अधिकारी हैं. उन्होंने वर्ष 2015 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की हैं. इंजीनियर के रूप में ट्रेंड वीर प्रताप ने प्राथमिक परीक्षा के दौरान दर्शनशास्त्र में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर किया हैं. उन्हें दर्शनशास्त्र में 500 में से 306 अंक मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने IAS परीक्षा के लिए दर्शनशास्त्र को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना. बचपन में गरीबी में पले-बढ़े किसान के बेटे वीर प्रताप सिंह राघव ने अपनी शिक्षा जारी रखी और अंततः IAS Officer बन गए.
तीसरे प्रयास में बनें IAS अधिकारी
वीर प्रताप (Veer Pratap Singh Raghav) के बड़े भाई भी IAS अधिकारी की ख्वाहिश रखते थे, लेकिन उन्होंने वित्तीय कठिनाइयों के कारण CRPF में भर्ती होने का विकल्प चुना. वर्ष 2016 और 2017 में वीर प्रताप ने परीक्षा का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए. रिजल्ट से निराशा के बावजूद वे शांत रहे. उनकी अटूट दृढ़ता ने आखिरकार वर्ष 2019 में अपना लक्ष्य हासिल कर लिया और वह IAS Officer बन गए.
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Tags: Aligarh Muslim University, IAS Officer, Iit, Success Story, UPSCFIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 13:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed