दिवाली पर पकवान खाना होगा महंगा बढ़ गईं इन तेलों की कीमतें

कुछ दिन पहले डॉलर के मुकाबले रुपए का दाम 79 करीब चल रहा था जो अब 83 करीब पहुंच चुका है. जिससे आयती तेलों के दामों में वृद्धि हुई है. पिछले 1 सप्ताह के भीतर पाम तेल के दामों में 10 से 12 रुपया प्रति लीटर सोयातेल के दामों में 14 से 16 रुपया और सनफ्लावर तेल के दामों में 18 से 20 रुपए तक की तेजी देखने को मिली है.

दिवाली पर पकवान खाना होगा महंगा बढ़ गईं इन तेलों की कीमतें
नई दिल्‍ली. इस दिवाली से पहले तेल की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोत्‍तरी देखने को मिल रही है. कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि पिछले 3 महीने से अधिक समय से निर्यातक देशों में उत्पादन बढ़ने से एवं देश भर में अच्छी बारिश के चलते नई फसल का रकबा बढ़ने की उम्मीद से खाद्य तेलों के दाम लगातार गिर रहे थे लेकिन पिछले सप्ताह में ओपेक देशों द्वारा पेट्रोलियम क्रूड के उत्पादन में कटौती करने की घोषणा और डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत कम होने से खाद्य तेल के दामों में अचानक से अच्छी खासी वृद्धि देखने को मिल रही है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आगे कहा कि दूसरी तरफ वैश्विक ताड़ के तेल की खरीद इस तिमाही में बढ़ रही है क्योंकि खरीदार प्रतिद्वंद्वी सोया तेल और ताड़ के तेल के बीच दामों में ज्यादा अंतर होने से भारत के आयातकों ने पिछले महीनों में खरीद कम की थी. गिरते दामों को देखते हुए भारत में भी व्यापारियों ने स्टॉक कम रखा था ताकि नुकसान कम उठाना पड़े. अब त्यौहार नजदीक आने से सबकी एक साथ खरीदारी से डिमांड बढ़ी गई है. नवंबर में भारत में शिपमेंट के लिए पाम तेल की पेशकश लागत, बीमा और माल ढुलाई (सीआईएफ) सहित 941 डॉलर प्रति टन पर की जा रही है जबकि कच्चे सोया तेल के लिए 1,364 डॉलर है. 423 डॉलर का अंतर 10 वर्षों में सबसे अधिक है. एक साल पहले पाम तेल पर सोया तेल के बीच का अंतर करीब 100 डॉलर प्रति टन था. वहीं अखिल भारतीय तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने आगे कहा कि शीर्ष पाम तेल उत्पादक इंडोनेशिया के निर्यात को बढ़ाकर स्टॉक को कम करने के प्रयासों से कीमतों पर फिलहाल दबाव बना हुआ है जबकि प्रतिद्वंद्वी तेल अधिक बढ़ रहे हैं. जुलाई के अंत में इंडोनेशिया के ताड़ के तेल का भंडार 2021 के अंत में लगभग 4 मिलियन टन से बढ़कर 5.91 मिलियन टन हो गया क्योंकि इंडोनेशियन ने 2022 की पहली छमाही में निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सितंबर में भारत का पाम तेल आयात बढ़कर 12 लाख टन हो गया, जो एक साल में सबसे ज्यादा है और देश चौथी तिमाही में 30 लाख टन आयात कर सकता है. खंडेलवाल ने बताया की ओपेक देशों द्वारा पेट्रोलियम क्रूड के उत्पादन में कटौती करने से क्रूड के दामों में तेजी आई है जिसका सीधा असर ताड के तेल के दामों में भी देखने को मिल रहा है. जिससे जैव ईंधन के लिए पाम तेल की खपत में भी वृद्धि हुई है. उधर रशिया और यूक्रेन के बीच जंग में फिर से कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है जिससे सनफ्लावर तेल की आपूर्ति बाधित हो रही है और दामों में भी तेजी आई है. युद्ध के चलते यूरोप में हीटिंग ऑयल और डीजल की तंग आपूर्ति के बाद से ऊर्जा के उद्देश्य से बहुत सारे पाम तेल की खपत हो रही है. ऊपर से रही सही कसर डॉलर के मुकाबले रुपए के गिरते अवमूल्यन से आयाती तेलों के दामों पर पड़ी है. कुछ दिन पहले डॉलर के मुकाबले रुपए का दाम 79 करीब चल रहा था जो अब 83 करीब पहुंच चुका है. जिससे आयती तेलों के दामों में वृद्धि हुई है. पिछले 1 सप्ताह के भीतर पाम तेल के दामों में 10 से 12 रुपया प्रति लीटर सोयातेल के दामों में 14 से 16 रुपया और सनफ्लावर तेल के दामों में 18 से 20 रुपए तक की तेजी देखने को मिली है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Confederation of All India Traders, Crude oil, Diwali, OilFIRST PUBLISHED : October 20, 2022, 20:33 IST