स्‍पीड से चल रही आपकी ट्रेन दिल्‍ली के करीब बन जाती है ‘बैलगाड़ी वजह जानें

दिल्‍ली के करीब पहुंचते ही स्‍पीड धीमी हो जाती है और रेंग-रेंगकर स्‍टेशन पहुंचती है. इसमें मेल एक्‍सप्रेस के अलावा शताब्‍दी राजधानी जैसी प्रीमियत ट्रेनें तक शामिल हैं. रेलवे ने बताई वजह.

स्‍पीड से चल रही आपकी ट्रेन दिल्‍ली के करीब बन जाती है ‘बैलगाड़ी वजह जानें
नई दिल्‍ली. देश के कोने-कोने से दिल्‍ली पहुंचने वाले ज्‍यादातर रेल यात्री की यह बिल्‍कुल आम शिकायत है कि पूरे रास्‍तेभर ट्रेन पूरी स्‍पीड से दौड़ती है लेकिन दिल्‍ली के करीब पहुंचते ही स्‍पीड धीमी हो जाती है और रेंग-रेंगकर स्‍टेशन पहुंचती है. इसमें मेल एक्‍सप्रेस के अलावा शताब्‍दी राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनें तक शामिल हैं. कई बार तो आउटर पर ही काफी देर तक खड़ी रहती है. यात्री स्‍टेशन पहुंचने का इंतजार नहीं करते हैं और वहीं सामान लेकर उतर जाते हैं. रेलवे ने बताया कि इसका कारण क्‍या है? आइए जानें- दिल्‍ली के विभिन्‍न स्‍टेशनों पर रोजाना करीब 400 ट्रेनों का आवागमन होता है. इनमें ज्‍यादातर ट्रेनें दिल्‍ली से चलती हैं और कुछ ट्रेनें थ्रू निकलती हैं, यानी कहीं और से चलती हैं और दिल्‍ली होते हुए गंतव्‍य की ओर निकल जाती हैं. दिल्‍ली के स्‍टेशनों से चलने वाली ट्रेनों में ज्‍यादातर ऐसी हैं जो शाम से लेकर रात तक छूटती हैं और दूसरी ओर से चल रही ट्रेनों का सुबह-सुबह दिल्‍ली पहुंचना शुरू होता है. ज्‍यादातर का पहुंचने का समय सुबह 6 बजे से लेकर 10 बजे तक होता है. इसके अलावा आसपास के शहरों से लोकल ट्रेनों की संख्‍या भी काफी है, जिनसे लोग सुबह सुबह ड्यूटी करने आते हैं और शाम को लौट जाते हैं. रेंग-रेंगकर स्‍टेशन पहुंचने के दो प्रमुख कारण ट्रेनों का क्रॉस ओवर करना होता है पहला कारण ट्रैक से क्रॉस ओवर होता है. रेलवे स्‍टेशनों के आसपास यार्ड हैं, जहां पर ट्रेन फिटनेस व अन्‍य जांच के लिए पहुंचती हैं.फिर वापस स्‍टेशनों के प्‍लेटफार्म पहुंचती हैं. इस तरह यार्ड से निकलने वाली और बाहर से आ रही ट्रेनों का क्रॉस ओवर होता है. इस दौरान ट्रेन की अधिकतम स्‍पीड 30 किमी. प्रति घंटे की तय होती है. 24 कोच की ट्रेन को 30 की स्‍पीड में क्रॉस ओवर करने में 3 से 5 मिनट लगते हैं. दिल्‍ली में शुरू और खत्‍म होने वाली सभी ट्रेनों को क्रॉस ओवर करना पड़ता है. इस वजह से यहां पर स्‍पीड धीमी हो जाती है. निय‍मित प्‍लेटफार्म पर ट्रेन लगाना भी एक वजह दिल्‍ली में तमाम लोग ड्यूटी करने के लिए आते हैं, इसलिए रेलवे की प्राथमिकता रहती है कि उनकी ट्रेन को उसी प्‍लेटफार्म में लगाया जाए, जहां पर रोज लगती है. मसलन नई दिल्‍ली में 16 प्‍लेटफार्म हैं, एक साथ दो ट्रेन आउटर पर पहुंच गयीं. पहले एक ट्रेन को तय प्‍लेटफार्म में लगाया जाएगा, उसके जाने के बाद दूसरी ट्रेन को उसी प्‍लेटफार्म में लगाया जाएगा. इस तरह कई बार आउटर पर ट्रेन को इंजार करना पड़ता है. Tags: Indian railway, Indian Railway newsFIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 10:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed