चाचा भाई भतीजा सब बिछड़े पर मां साथ वोटिंग की सुबह दादा का इमोशनल कार्ड!

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र चुनाव में इस बार सबसे अधिक ड्राम बारामती में देखने को मिल रहा है. लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर इस बार परिवार के भीतर ही लड़ाई चल रही है.

चाचा भाई भतीजा सब बिछड़े पर मां साथ वोटिंग की सुबह दादा का इमोशनल कार्ड!
Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार सुबह सात बजे से वोटिंग हो रही है. वैसे तो महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य और यहां की 288 सीटों के लिए वोटिंग हो रही है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा एक सीट की है वो है बारामती. बारामती में एनसीपी प्रमुख अजित पवार चुनावी मैदान में हैं. लेकिन, उनके सामने परोक्ष तौर पर उनके चाचा शरद पवार 83 साल की उम्र में चट्टान की तरह खड़े हैं. आज इस बारामती से एक तस्वीर आई है जो महाराष्ट्र के एक सबसे रसूखदार पवार फैमिली के बारे में काफी कुछ कह रही है. बीते लोकसभा चुनाव से राज्य का सबसे रसूखदार परिवार दो फाड़ हो गया. इसका सीधा असर बारामती पर पड़ा है. बारमती पवार परिवार का गढ़ है. इस गढ़ पर कब्जे की लड़ाई परिवार के भीतर ही चल रही है. एनसीपी के दोफाड़ होने के बाद अजित पवार के पास मूल एनसीपी होने का फैसला आया. एनसीपी का नेतृत्व उनके हाथ में है. जबकि दूसरे धड़े की कमान शरद पवार के हाथों में है. पहले राउंट में हारे गए अजित पवार लोकसभा चुनाव के वक्त बारामती में परिवार के भीतर पहले राउंड का मुकाबला हुआ था. यहां पर अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के बीच मुकाबला था. बाजी सुले के हाथ लगी. अब यहां दूसरे राउंड का मुकाबला चल रहा है. इस बार बारामती विधानसभा सीट पर अजित पवार खुद मैदान में हैं. उनके सामने अपने सगे भतीजे युगेंद्र पवार मैदान में है. युगेंद्र शरद पवार की एनसीपी के उम्मीदवार हैं. चाचा-भतीजे की इस लड़ाई में पवार परिवार पूरी तरह बंट गया है. परिवार के अधिकतर सदस्य साहब यानी शरद पवार के साथ हैं. अजित पवार के भाई श्रीनिवास परिवार का परिवार भी उनसे दूर हो चुका है. श्रीनिवास परिवार के बेटे युगेंद्र ही अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. पर मां मेरे साथ ऐसे में जानकारों का कहना है कि अजित पवार के लिए इस सीट पर चुनौती बढ़ गई है. वह भी इस चुनौती को समझते हैं. उन्होंने इस सीट पर गहन प्रचार अभियान चलाया. वह खुद जनता के बीच जाते दिखे. अब उन्होंने मतदान की सुबह एक बड़ा इमोशनल कार्ड खेला है. वह बारामती की जनता को यह बताना चाहते हैं कि भले ही परिवार के सारे सदस्य उनसे दूर हो गए हैं लेकिन उनकी मां उनके साथ हैं. वोट डालने के लिए निकलने से पहले उन्होंने मां का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. इस तस्वीर के जरिए वह एक और संदेश देना चाहते हैं कि दुनिया में हर रिश्ते किसी न किसी स्वार्थ में बिक जाते हैं लेकिन मां… मां होती है. वह किसी स्वार्थ में संतान के बीच भेदभाव नहीं करती. वह सच का साथ देती है और इस चुनाव में वह सच के रास्ते पर हैं. Tags: Ajit Pawar, Baramati election, Sharad pawarFIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 09:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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