राहुल गांधी के आरोपों से उठा सवाल कौन दे सकता है शेयर खरीदने की सलाह
राहुल गांधी के आरोपों से उठा सवाल कौन दे सकता है शेयर खरीदने की सलाह
Stock Market Politics : क्या आपको याद है कि इससे पहले कब शेयर बाजार राजनीतिक रूप से प्रमुख मुद्दा बना था. भारतयी राजनीति के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब विपक्ष शेयर बाजार को लेकर इस तरह हमलावर है. हालांकि, राहुल गांधी के आरोपों से यह सवाल जरूर पैदा होता है कि आखिर स्टॉक खरीदने को लेकर कौन सलाह दे सकता है.
हाइलाइट्स रिजल्ट वाले दिन निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए. 4 जून को बाजार में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही. सेबी से पंजीकृत व्यक्ति ही पब्लिक को सलाह दे सकता है.
नई दिल्ली. भारतीय राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब शेयर बाजार राजनीतिक रूप से इतना बड़ा मुद्दा बन रहा है. कांग्रेस नेता और विपक्ष की धुरी बनकर उभरे राहुल गांधी ने शेयर बाजार को केंद्र में रखकर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह पर सीधे तौर पर आरोप लगाया और कहा कि उनके कहने पर ही लोगों ने चुनाव के रिजल्ट आने से पहले शेयर खरीदे और रिजल्ट वाले दिन बड़ी गिरावट से आम आदमी के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर बाजार को लेकर कौन सलाह दे सकता है और इस पर कानून क्या कहता है.
इस सवाल का जवाब देने से पहले आपको याद दिलाते हैं कि 4 जून को बाजार में 8 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही और एक समय तो निवेशकों के 43 लाख करोड़ डूब गए थे, लेकिन आखिर में थोड़ा सुधार के साथ करीब 5 फीसदी गिरावट पर बाजार बंद हुआ था. इस तरह एक ही सत्र में निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये डूब गए थे. इससे ठीक पहले एग्जिट पोल में जब भाजपा और सहयोगी दलों को बंपर सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था, तब भाजपा नेताओं की ओर से बाजार में निवेश करने की सलाह दी गई थी. रिजल्ट आने पर हुए नुकसान को ही राहुल गांधी ने अब मुद्दा बनाने की कोशिश की है.
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क्या कहता है कानून
अगर बात कानून और बाजार नियामक सेबी के गाइडलाइन की करें तो बात बिलकुल साफ है कि किसी भी व्यक्ति को बाजार और स्टॉक पर सलाह देने से पहले NISM इन्वेस्टमेंट एडवाइजर सर्टिफिकेशन एग्जाम पास करके खुद को सेबी के साथ बतौर निवेश सलाहकार रजिस्टर करना पड़ेगा. सेबी से पंजीकृत व्यक्ति ही निवेश और स्टॉक को लेकर पब्लिक को सलाह दे सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
जैसा कि मैंने पहले ही आपको बताया कि इस बार शेयर बाजार का मुद्दा राजनीतिक रूप से केंद्र में है, लिहाजा इस पर एक्सपर्ट भी खुले तौर पर बोलने से बच रहे. फिर भी नाम न छापने की शर्त पर उनका कहना है कि चूंकि, वित्त मंत्री या गृह मंत्री अथवा सरकार पॉलिसी मेकर्स होते हैं और वे खुद सेबी को सलाह देते हैं कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं. लिहाजा उन्हें सेबी की गाइडलाइन में बांधना ठीक होगा या नहीं, यह कहना सही नहीं है.
2 दिन में कमा लिए 21 लाख करोड़
जहां तक बाजार में गिरावट से निवेशकों के नुकसान की बात है तो रिजल्ट आने के बाद से बाजार लगातार चढ़ रहा है. दो दिनों में सेंसेक्स करीब 3 हजार अंक उछाल पा चुका है. सेंसेक्स एक बार फिर 75 हजार के ऊपर चला गया है. इतना ही नहीं निवेशकों की पूंजी भी 21.05 लाख करोड़ रुपये बढ़ चुकी है. ऐसे में देखा जाए तो 4 जून को हुए 30 लाख करोड़ में से 21 लाख करोड़ की भरपाई बाजार कर चुका है.
Tags: Amit shah, Business news, Rahul gandhi, Share market, Stock market todayFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 19:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed